तृप्ति रावत/ बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को मेटास्टैटिक कैंसर हुआ है। दरअसल बुधवार को सोनाली बेंद्रे ने सोशल मीडिया में ट्वीट के जरिए कैंसर की खबर सुनाकर सभी को चौंका दी है। जिसके बाद से सभी प्रशंसक सोनाली बेंद्रे की सलामती की दुआ कर रहें हैं। फिलहाल सोनाली इस कैंसर का ट्रीटमेंट न्यूयॉर्क में करा रही हैं। तो चलिए जानते हैं कितना खतरनाक है ये कैंसर और क्या वाकई संभव है इसका इलाज-
सोनाली को हुआ मेटास्टैटिक कैंसर
मेटास्टैटिक कैंसर शरीर में होने वाले अन्य प्रकार के कैंसर की तुलना में ज्यादा खतरनाक माना जाता है। जिसकी वजह से ये कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाता है। मैटास्टैटिस का मतलब होता है रूप बदलना, यह कैंसर करीब ऐसा ही करता है। कैंसर के सेल्स टूटने के बाद खून में मिलकर शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैल जाते हैं। जिससे कि पूरे शरीर की प्रक्रिया प्रभावित होने लगती है।
इस कैंसर के क्या होते हैं लक्षण
इस कैंसर के लक्षणों में मुख्य रूप इस बात पर ज्यादा निर्भर करते हैं कि कैंसर शरीर के किस हिस्से तक फैल रहा है। जैसे अगर कैंसर की शुरुआत हड्डियों से होती है या हड्डियों में फैलता है तो हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिसके की दर्द रहने लगता है और फ्रैक्चर भी संभव है। इसके अलावा अगर कैंसर मस्तिष्क पर हमला करता है तो सिरदर्द, दौरे पड़ना या चक्कर आना के लक्षण दिखते हैं। इसी तरह जब कैंसर फेफड़ों की ओर बढ़ता है तो सांस लेने में दिक्कत आने लगती है। वहीं जब कैंसर यकृत (लीवर) तक पहुंचता है तो पेट में सूजन, दर्द और पीलिया लक्षण के रूप में उभरते हैं।
इसमें किस प्रकार का इलाज है संभव
एक वक्त के बाद मैटास्टैटिक कैंसर के सेल्स की बढ़ोतरी रोकना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि यह पूरे शरीर में फैल जाता है। लेकिन अगर समय रहते कैंसर का पता लग जाए तो इस कैंसर के कहर से रोगी को बचाया जा सकता है।चिकित्सकों का ऐसा मानना है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इस कैंसर का खतरा ज्यादा है। इसे रोकने और इलाज के लिए सबसे जरूरी है ये पता लगाना की कैंसर की शुरुआत कहां से हुई और कैसे आगे बढ़ रही है। उस हिसाब से ही इसका इलाज तय होता है। दवाइयां, इंजेक्शन के अलावा कीमोथैरेपी, रेडिएशन थैरेपी और सर्जरी के जरिए इस पर काबू पाने की कोशिश की जाती है।