सोनभद्र में सदर तहसील अंतर्गत हर्रा के दलित केवट जाति के काश्तकारों ने बरहमोरी बालू खननकर्ता द्वारा उनकी काश्त की जमीन में से ओवरलोड बालू लदी ट्रको का संचालन किया जा रहा है जिसका विरोध करने पर ठेकेदार व स्थानीय प्रशासन द्वारा धमकी दी जा रही है। न्याय की उम्मीद खो चुके इन काश्तकारों ने आज सदर तहसील में केरोसिन तेल लेकर आत्मदाह करने पहुचे तो प्रशासन के हाथपांव फूल गए और मौके पर पहुची पुलिस ने केरोसिन अपने कब्जे में लिया । आत्मदाह करने आई महिलाओ का कहना था कि बालू ठेकेदार और पुलिस व लेखपाल मिल कर उनकी काश्त की जमीन से बालू लदी ट्रको को ले जा रहे है । उनकी सुनवाई नही होने पर आज आत्मदाह करने आये है। वही प्रशासन का कहना था कि कुछ लोग काश्त की जमीन से ट्रको के संचालन की समस्या की लेकर आये है जिसकी लेखपाल से जांच कराया जाएगा और किसी को भी आत्मदाह नही करने दिया जाएगा।
त्रेतायुग राम ने केवट को नदी पार कराने के बदले सोने की अंगूठी दी तो आज कलयुग में राम की अनुयाई भाजपा उसी केवट जाति को नदी से बालू निकाल कर उसकी काश्त की जमीन में रास्ता बनाकर बालू लदी ट्रको को ले जा रहे है और जब इसके एवज में केवट जाति के काश्तकारो द्वारा चार पैसे की मांग की जाती है तो उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है। बालू ठेकेदारो की धमकी से डरा सहमा दलित केवट जाति के इन काश्तकारों ने न्याय पाने के लिए राम के नाम पर राजनीति करने वाले जनप्रतिनिधियो के साथ ही राम के नौकरशाहों तक अपने फरियाद पहुचाया लेकिन चुप रहने के अलावा कोई न्याय करने को तैयार नही दिखा तो लाचार होकर दलित केवट जाति के काश्तकारो ने अपने परिवार के साथ आत्महत्या करने का निर्णय लिया है और आज केरोसिन तेल लेकर सदर तहसील पहुच गए। जिन्हें किसी तरह पुलिस ने रोका।
मामला सदर तहसील अंतर्गत ग्राम हर्रा के आराजी नम्बर 1512, 1513 , 1392 , 1293 , 1529 ख , 1934 क व 1532 के तेतरी केवट , रामनाथ , जगमोहन केवट व रामभरोस केवट पुत्रगण रामवृक्ष केवट और हरिदास केवट पुत्र रामरती का काश्त की जमीन है। अपनी काश्त की जमीन पर दलहन फसल की पैदावार कर परिवार का भरण पोषण करते जो कि एकमात्र सहारा है। जिला प्रशासन द्वारा नगवां ब्लाक के बरहमोरी ग्राम पंचायत में बालू खनन पट्टा 5 वर्षो के लिए किया गया है जिसका रास्ता बीच नदी में जाने के लिए ठेकेदार ने बालू ट्रको के आवागमन के लिए हम सभी के काश्त की जमनी का प्रयोग किया जा रहा है। बालू ठेकेदार द्वारा काश्त की जमीन से बालू लदी ओवरलोड ट्रको के आवागमन कराने से जमीन का स्वरूप बिगड़ गया है और बच्चो व पशुओं के दुर्घटना का डर बराबर बना रहता है। पीड़ित केवट जाति के काश्तकारों का कहना है कि 11 मई तथा 29 मई को जिलाधिकारी से शिकायत किया गया था जबकि इसके पूर्व 28 मई को उपजिलाधिकारी से किया था।
सदर तहसील के हर्रा ग्राम पंचायत से होकर बरहमोरी गांव में सोन नदी की बीच धारा में बालू का खनन पट्टा दिया गया है जिसके ठेकेदार द्वारा इन दलित केवट जाति के काश्तकारों की जमीन से बालू लदी ट्रको का आवागमन होता है। आत्मदाह करने आई महिलाओ का कहना है कि जमीन से हो रहे नुकसान की शिकायत कई बार प्रशासन और पुलिस से किया गया लेकिन उल्टा पुलिस और प्रशासन नही सुना जिससे मजबूर होकर आज आत्मदाह करना पड़ रहा है।
वही एसडीएम का कहना था कि कुछ काश्तकार लोग महिलाओ के साथ आये है जिनकी जमीन से बालू ट्रको का संचालन हो रहा है अगर ऐसा हो रहा है तो लेखपाल से जांच कराई जाएगी । सभी को न्याय मिलेगा और किसी को आत्मदाह नही करने दिया जाएगा।