
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।पार्टी के अंदर और बाहर जूझ रहे अपनों को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बपौती “चरखा दांव” मार कर चित कर दिया है। खून के रिश्ते में सगे चाचा शिवपाल यादव ने बगावत कर सेकुलर मोर्चा बना कर सपा बांटना शुरू कर दिए थे। वह जिले-जिले अपने पार्टी का गठन शुरू करके उपेक्षा के नाम पर साइड लाइन कर दिए गए लोगों को जोड़ ही रहे थे कि अखिलेश ने रविवार को दिल्ली में आयोजित समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम में पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव को बुला कर शिवपाल सिंह यादव को जोरदार झटका दिया है।
मुलायम को अपने मंच पर पाकर गदगद हुए अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल का दो पहिये पर चलती है। जिसका एक पहिया डॉ राममनोहर लोहिया और दूसरा पहिया डॉ भीमराव आंबेडकर के विचार धारा पर चलती है। अखिलेश के इस बयान से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को झटका लग सकता है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बसपा द्वारा कांग्रेस से अलग होकर लड़ने के ऐलान का प्रभाव है, जिसके कारण अखिलेश ने कांग्रेस को तवज्जो देना बंद कर दिया। विधानसभा चुनाव 2017 में यूपी को ये साथ पसंद है कह कर कांग्रेस के साथ मिल कर लड़ने वाले अखिलेश यादव यदि राहुल गांधी को किसी कारण साथ न लिए तो यह उनकी पार्टी के लिए कोई नई बात नहीं होगी।
राजनीति में उनके पिता जी एवं पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव पर कह कर साथ न देने के बहुत आरोप लगे हैं।माना जा रहा है कि भाजपा राज से मुक्ति का एक मात्र मार्ग मान चुके सपा मुखिया अखिलेश यादव मायावती की बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन करने के लिए किसी को भी छोड़ सकते हैं। आज ही अखिलेश नेता जी को अपने पार्टी के कार्यक्रम में बुला कर अपने चाचा शिवपाल यादव पर बड़ी जीत दर्ज करते दिख रहे हैं।
इस संदर्भ में विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी की मानें तो अब शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी का कोई नुकसान नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि आज नेता जी के पार्टी के कार्यक्रम में आने के बाद ये तय हो गया कि अहंकारी और साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ने वाली अखिलेश यादव जी के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी मात्र एक मंच है। अब कोई नेता जी का नाम लेकर समाजवादी पार्टी की विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं को गुमराह नहीं कर सकता।
यूपी विपक्षी दलों के गठबंधन के संदर्भ में वरिष्ठ पत्रकार दिवस दूबे ने बताया कि जब से यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने रॉफेल मामले को लेकर अपनी पार्टी को प्रदेश भर के जिलामुख्यालयों पर प्रदर्शन करने और हर बूथ पर कांग्रेस को मजबूत करने की घोषणा किये थे तभी से ये अनुमान लगने लगा है कि कांग्रेस गठवन्धन से बाहर जाती दिखने लगी थी। उन्होंने कहा कि यदि किसी कारण लोकसभा चुनाव 2019 में सपा-बसपा अकेले गठबंधन कर लिए तो कहा जा सकता है कि टीपू ने राहुल को पप्पू बना दिया।