लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले इत्र कारोबारी के यहां छापे का मामला भले ही ठंडा पड़ गया है, लेकिन इस पर सियासत जारी है। इत्र कारोबारी पीयूष जैन पर छापेमारी एक तरफ भाजपा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा। वहीं, अखिलेश यादव ने पीयूष जैन को बीजेपी का ही आदमी बता दिया। अखिलेश यादव ने पीयूष जैन पर छापेमारी के मामले को एकदम नया मोड़ देते हुए कहा कि वो छापा मारना चाहते थे इत्र वाले के यहां, उसका नाम था पुष्पराज जैन। इनका नाम था पीयूष जैन। लगता है डिजिटल इंडिया की गलती हो गई। पुष्पराज जैन की जगह पीयूष जैन आ गए। इस मामले को लेकर सपा लगातार हमलावर है। आजमगढ़ के गोपालपुर विधानसभा से विधायक नफीस अहमद ने सोशल मीडिया साइट कू पर एक समाचार चैनल की क्लिप पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘छापा मारने गए थे इत्र, पर छापा पड़ गया मित्र पर’। पहली बार 2014 के बाद ,नेशनल टेलीविजन पर इमानदार न्यूज़ एंकर ने बड़े ही ईमानदारी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में कुछ सच कहा है। कृपया ध्यान से सुने।
अखिलेश ने कहा कि गलती से भाजपा ने अपने ही कारोबारी पर छापा मारा। उन्होंने दावा किया कि समाजवादी इत्र (इत्र) सपा एमएलसी पुष्पराज जैन द्वारा लांच गया था न कि पीयूष जैन ने लांच किया था। भाजपा पर कटाक्ष करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा ने डिजिटल भूल से अपने ही व्यवसायी (पीयूष जैन) के यहां छापा मारा। हालांकि पीयूष जैन के घर छापा मारने के कुछ दिन बाद आयकर विभाग की टीम ने पुष्पराज जैन के यहां भी छापेमारी की। पुष्पराज जैन समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं और उन्होंने समाजवादी इत्र बनाया व लॉन्च किया था।
बता दें कि कन्नौज में इत्र कारोबारी के घर छापेमारी के बाद से दो नामों की चर्चा है। दोनों के नाम का पहला अक्षर पी (P) है और दोनों का सरनेम भी एक ही है- जैन। एक संयोग और है कि दोनों कन्नौज के उसी मोहल्ले के रहने वाले पड़ोसी हैं, जिसे जैन गली के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा दोनों का व्यापार भी एक ही है ,वह भी इत्र का। मगर इतनी समानताओं के बावजूद दोनों में कोई संबंध नहीं हैं।
गौरतलब है कि आयकर और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा गत दिनों की गई छापेमारी में कानपुर में इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर से लगभग 257 करोड़ रुपये नकद, 25 किलो सोना और 250 किलो चांदी बरामद की गई थी। अदालत के आदेश पर पीयूष जैन को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।