गन्ने की पत्ती जलाना पड़ा महंगा, 12 दोषी कास्तकारो का सट्टा निलंबित
लखीमपुर खीरी। इन दिनों गन्ने की पत्ती जलाने की घटनाएं तेजी से प्रकाश में बढ़ रही, जो प्रशासन की परेशानी का बढ़ा रहा है। इन घटनाओं को रोकथाम के लिए खीरी जिला प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। अब तक गन्ना महकमे ने खीरी में 12 किसानों का सट्टा निलंबित किया है।
डीसीओ वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि फसल अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के दृष्टिगत शासन अतिगंभीर है।चीनी मिलों के माध्यम से गन्ना किसानों को पराली ना जलाने के लिए मैसेज भी भेजा जा रहा है। वहीं चीनी मिल यार्ड में इस आशय का अनाउंसमेंट भी कराया जा रहा है। फिर भी गन्ना किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस पर अब तक गन्ना विभाग द्वारा 12 किसानों के सट्टे को निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा संबंधित तहसील प्रशासन ने संबंधित काश्तकार के विरुद्ध जुर्माना लगाते हुए 107/116 की भी कार्यवाही की है।
डीसीओ ने फसल अवशेष (गन्ने की पत्ती) जलाये जाने की घटनाओं में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के सम्बन्ध में अपने अधीनस्थ अधिकारियों- कार्मिकों को सचेत करते हुए निर्देशित किया कि अपने क्षेत्रान्तर्गत सुनिश्चित करें कि एक भी पराली जलाने की घटना घटित न होने पाए। यदि पराली दहन की एक भी घटना घटित होती है तो उत्तरदायी अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध उनके द्वारा कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
पराली की घटनाओं रोकने के लिए प्रशासन कटिबंध : डीएम
खीरी जिले में पराली जलाए जाने को लेकर प्रशासन ने सख्त तेवर अपनाए हैं। किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के मामले में लापरवाही पर डीएम के निर्देश पर संबंधित उप जिलाधिकारी ने लेखपालों को प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी है। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने अंतविभागीय समन्वय से जिले में पराली जलाने की घटनाओं को प्रभावी तरीके से रोकने का निर्देश दिए है। ऐसा न होने पर जवाबदेही तय कर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।