अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ इन्क्यूबेशन सेंटर, भविष्य के एंत्रप्रेन्योर्स को आगे बढ़ने के लिए देगा मंच*
*अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ इन्क्यूबेशन सेंटर हमारे स्टूडेंट्स द्वारा शुरू की जाने वाली नई कंपनियों की रखेगा बुनियाद: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया*
*एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट की केवल बिज़नेस करने के लिए नहीं जरुरत है बल्कि सभी लोगों में एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट होना ज़रूरी ताकि नए इनोवेटिव सोच के साथ वे देश की तरक्की में दे सकें अपना योगदान: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया*
उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में इन्क्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये इन्क्यूबेशन सेंटर हमारे भविष्य के एंत्रप्रेन्योर्स के लिए एक बुनियाद का काम करेगा जहाँ से वो अपने नए आइडियाज और इनोवेशन को सही दिशा दे पाएंगे| उन्होंने कहा कि अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में शुरू हो रहा ये इन्क्यूबेशन सेंटर, हमारे स्टूडेंट्स द्वारा शुरू की जाने वाली नई कंपनियों की बुनियाद बनेगा और दुनियाभर में जॉब बांटेगा|
मनीष सिसोदिया ने कहा-
आज एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट की केवल बिज़नेस करने के लिए जरुरत नहीं है बल्कि सभी लोगों में एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट होना चाहिए ताकि नए व इनोवेटिव सोच के साथ वो देश की तरक्की में अपना योगदान दे सके। उन्होंने आगे कहा कि आज हमारे स्कूलों व कॉलेजों में पढ़ने वाले 99% बच्चे नौकरी करना चाहते है लेकिन ये बेहद ख़ुशी की बात है कि अम्बेडकर यूनिवर्सिटी ऐसे बच्चे तैयार कर रही है जो जॉब सीकर बनने के बजाय जॉब प्रोवाइडर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे है
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी सपने देखते है अपने भविष्य के लिए, अपने देश-समाज अपने करियर के लिए लेकिन कोई भी व्यक्ति इन सपनों को तबतक पूरा नहीं कर सकता है जबतक उसके पास सीखने का कोई प्लान नहीं हो। उन्होंने कहा कि आपकी जिन्दगी के सपने तभी पूरे हो सकते है जब आप उस सपने को अपने एजुकेशन प्लान के साथ जोड़कर रखे। यदि आप ऐसा नहीं करते है तो अपने यूनिवर्सिटी से केवल डिग्री लेकर निकल रहे होंगे न कि अपने सपने को पूरा करने का रास्ता और जुनून लेकर।
सिसोदिया ने कहा कि दुनिया में दो तरह की यूनिवर्सिटीज है| पहली यूनिवर्सिटीज ऐसी है जहाँ पढ़ने वाले बच्चे डिग्री लेने के बाद नौकरी लेने की लाइन में खड़े होकर इंतजार करते है कि कोई कंपनी उन्हें नौकरी दे दे। दूसरी ओर ऐसी यूनिवर्सिटीज है जहाँ नौकरी देने वाले कंपनियों में ही होड़ मची होती है और वे इन यूनिवर्सिटीज के बच्चों को नौकरी देने के लिए लाइन में लगे रहते है और इन्ही यूनिवर्सिटीज के बच्चे आगे चलकर फेसबुक,गूगल जैसी कम्पनियां बनाकर पूरे विश्व में लोगों को नौकरियां दे रहे होते है।
उन्होंने कहा कि यदि हमें भारत को विकसित देश और विकसित इकॉनमी बनाना है तो इसका सपना हमारे स्कूलों व यूनिवर्सिटीज से ही पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में शुरू हो रहा ये इन्क्यूबेशन सेंटर, हमारे स्टूडेंट्स द्वारा शुरू की जाने वाली नई कंपनियों की बुनियाद बनेगा और दुनियाभर में जॉब बांटेगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के निर्देशन में दिल्ली के स्कूलों हमने बच्चों में एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट विकसित करने का काम शुरू कर दिया है| ये हमारी जिम्मेदारी है कि 12वीं के बाद यूनिवर्सिटी में जाने वाले बच्चे एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट के साथ यूनिवर्सिटी में जाए| इस दिशा में स्कूलों में बच्चों को अपने बिज़नेस आइडियाज देने के लिए हम उन्हें बिज़नेस ब्लास्टरर्स प्रोग्राम के तहत 2000 रूपये की सीड मनी दे रहे है। उन्होंने कहा कि आज हर जगह नए इनोवेशन को अपनाने की जरुरत है इसलिए ये न सोचे कि केवल इंजीनियरिंग व वोकेशनल के फील्ड में ही इनोवेशन की जरुरत होती है बल्कि हयूमैनिटिज़ के फील्ड में भी इनोवेशन करने की जरुरत है ताकि हयूमैनिटिज़ पढ़ने वाले बच्चे भी अपने एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट और इनोवेशन के साथ ऐसी कंपनिया तैयार करे जहाँ वे हर फील्ड के लोगों को नौकरी दे सके।