गणेश शंकर विद्यार्थी सुभारती पत्रकारिता एवं जनसंचार महाविद्यालय में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार अशोक त्यागी मुख्य वक्ता के रुप में शामिल हुए।
मुख्य वक्ता अशोक त्यागी ने इस इस अवसर पर छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकगण को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए हिंदी दिवस पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें अपनी संस्कृति से लेनी चाहिए, जो कि हमें हिंदी भाषा से मिलेगी। हमें चाइना जैसे देशों से यह सिखना चाहिए कि किस तरह से अपनी मातृ भाषा को महत्व दिया जाता है। आखिर ऐसी क्या नौबत आ गई जो आज हमें हिंदी दिवस मनाने की जरुरत पड़ जबकि हमारे लिए तो हर दिन हिंदी दिवस के रुप में होना चाहिए था। जरुरत अपनी प्राथमिकता के चयन करने की है। अगर हम हिंदी की अपनी प्राथमिकता मान लेंगे तो यह न केवल हिंदी के लिए बल्कि हमारे लिए भी सही होगा।
इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नीरज कर्ण सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी ही एक भाषा है जो भारत के लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखता है। यह भाषा सिर्फ भाषा नहीं बल्कि भावनाओं को प्रकट करने का माध्यम है। उन्होंने आगे कहा कि बेशक हमें अंग्रेजी अथवा अन्य भाषा सीखनी चाहिए लेकिन अपनी मातृभाषा यानी हिंदी को हमेशा महत्व देनी चाहिए। यह भाषा हमें अपने समाज, संस्कृति, देश से जोड़ने का काम करती है। एक व्यक्ति के लिए राष्ट्रीय चरित्र मायने रखते हैं।
कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापक यासिर अरफात ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इंटरनेट पर हिंदी भाषा ने अंग्रेजी को पीछे छोड़ दिया। 51 प्रतिशत लोग हिंदी का उपयोग इंटरनेट पर करने लगे है। ऐसे में इसकी चिंता करने की जरुरत नहीं बल्कि इसके उपयोग के लिए सकारात्मक होने की जरुरत है।
इस मौके पर गर्मियों की छुट्टियों के दौरान एक महीने के लिए वैल्यू एडेड कोर्स करने वाले रोहित चौधरी, पूजा सहानिया, वंशिका सैनी, पंकज सिंह, सोनम सैनी, स्पर्श सिंह, शिवांशी मलिक सहित अन्य विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में विभाग के सभी प्राध्यापक गुंजन शर्मा, मुदस्सिर सुल्तान, प्रीति सिंह ने अपने विचारों से छात्रों को रु-ब-रु कराया। कार्यक्रम के दौरान एमजेएमसी की महिमा चौहान, बीजेएमसी द्वितिय वर्ष के रोहित चौधरी, महिमा चौधरी, पूजा सहानिया, बीजेएमसी प्रथम वर्ष के पंकज, अनुज, महविश सहित अनेक विद्यार्थियों ने अपने विचार साझा किए। इस दौरान बीजेएमसी प्रथम, द्वितिय, तृतीय वर्ष तथा एमजेएमसी प्रथम व द्वितिय वर्ष के विद्यार्थी मौजूद रहे।