लखीमपुर खिरी हिंसा मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की कार्यशैली पर अपनी नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि, ऐसा लग रहा है कि इस मामले में राज्य सरकार अपने पैर पीछे खींच रही है। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर लिखा कि, जो लोग इस बार योगी को सीएम पद से हटाना चाह रहे हैं, इससे उन्हें मौका मिल गया है।
उन्होंने ये भी अपने ट्वीट में लिखा कि,“लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को “अपने पैर खींचने” का दोषी ठहराया है। सीएम योगी के लिए यह 2022 के लिए खतरा है। बीजेपी में जो लोग योगी को सीएम पद से हटाना चाहते थे, उन्हें अब एक बहाना मिल गया है। अब अमित शाह के जूनियर मंत्री के बेटे या सीएम पद दांव पर है।”
आपको बताते चलें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी हैं। ऐसे में विपक्षी दलों से लेकर किसान नेता तक अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा मांग रहे हैं। इससे अलग इस मामले में जिस गति से जांच चल रही है, उससे सुप्रीम कोर्ट भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है। 20 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘लग रहा है कि लखीमपुर खीरी घटना की जांच से यूपी सरकार अपने पैर खींच रही है।’
इन्हीं परिस्थितियों को लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का मानना है कि, राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में योगी सरकार की राह आसान नहीं होगी। जो लोग योगी को कम पसंद करते हैं, उन्हें उनके खिलाफ मुद्दा मिल गया है।
बता दें कि इस मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने में हुई देरी को लेकर भी योगी सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कल रात एक बजे तक हम रिपोर्ट मिलने का इंतजार करते रहे। आपको एक दिन पहले स्टेटस रिपोर्ट जमा करना था।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जांच से जुड़ी और भी जानकारी बताने के लिए अदालत से समय मांगा। जिसपर अब 26 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। बता दें कि इस मामले की सुनवाई CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ कर रही है।