सुप्रीम कोर्ट की ओर से आज राफेल डील को लेकर अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोफेल डील की प्रक्किया को लेकर कोई खराबी नही और कीमत को लेकर कोई जजमेंट देना हमारे अधिकार में नही है। कोर्ट ने कांग्रेस के नारे की हवा निकाल दी। गौरतलब है कि कांग्रेस कई महीनों से इस मुद्दे को हवा दे रही थी और प्रधानमंत्री को लेकर चौकीदार चोर है के नारे लगा रही थी।कोर्ट ने निगरानी में इस डील को लेकर जांच किए जाने की मांग वाली याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया। इस मामले पर 14 दिसंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने इन याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई की थी और फैसला रिजर्व रख लिया था। कोर्ट ने कहा की विमान देश के लिए जरुरत थी हमारे पास तीसरे जनरेशन का ही लडाकू विमान था औऱ अपग्रेडेड विमान की खरीद देश की जरुरत है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें पहले से ही पता है कि इस डील में कोई खोट नही था। वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण का फैसला गलत है सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि कीमतें तय करना हमारी ज्यूरीडिक्शन में नही है। हलांकि कोर्ट ने कहा कि रिलायंस और डासौ के बीच एग्रीमेंट में मोदी सरकार का कोई हाथ नही है।
इस मामले पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी एवं ऐक्टिविस्ट एडवोकेट प्रशांत भूषण ने याचिका दायर कर सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर डील में अनियमितता की जांच की मांग की थी। बता दें कि केंद्र सरकार विपक्ष के इन दावों को लगातार खारिज करती रही है कि 36 राफेल जेट विमानों की खरीद में कोई अनियमितता बरती गई है।