ज़ेबा ख़ान/कल यानी आने वाले शुक्रवार को लगने वाला है इस साल का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण।आपको बता दें ये ग्रहण 2 घंटे 25 मिनट तक रहेगा।13 जुलाई को पड़ने वाले इस ग्रहण का समय सुबह 7 बजे से शुरू होकर 9 बजकर 44 मिनट में खत्म होगा। वहीं, ग्रहणकाल का सूतक लगभग 12 घंटे पहले लगेगा। हर बार इस ग्रहण के दौरान भी कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं, ताकि किसी भी नुकसान से बचा जा सके।
आइए आपको बता दें आखिर ये सूर्य ग्रहण होता क्या है और आखिर ये ग्रहण लगता क्यों हैं——–
जैसा कि हम सब लोग जानते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है। दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है। इसलिए जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है। इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
सूर्य ग्रहण के वक्त न करें ये काम नहीं तो होगा आंखों पर बुरा असर
. सूर्यग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से या डायरेक्ट नहीं देखना चाहिए। नहीं तो हो सकती है आपकी आंखे डैमेज।
. अगर आप सूर्यग्रहण का नजारा देखना चाहते हैं तो उसके लिए एक जगह पर सीधे खड़े हो जाएं और आंखों को ग्लास या सोलर व्यूवर से जरूर ढक लें।
. आपके नॉर्मल चश्मे या गॉगल्स आंखों को यूवी रेज़ से सुरक्षित नहीं रख सकते। इसीलिए अपने ग्लासेस से सूर्यग्रहण देखने की कोशिश ना करें.
. सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को पिनहोल, टेलेस्कोप या फिर दूरबीन से भी ना देखें.
. आपको अगर फोटो खींचने का शोक है तो कभी भई अनफिल्टर्ड कैमरे से सूर्यग्रहण की तस्वीरें न खींचें।
इसके साथ ही आपको यो भी बता दें इस ग्रहण को असर भारत में नहीं पड़ेगा क्योंकि ये ग्रहण एस बार भारत में नहीं पड़ रहा है। लेकिन इस ग्रहण के समय में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाई होती है। आपको ये भी बता दें 13 जुलाई को सूर्य ग्रहण के साथ ही आषाढ़ अमावस्या भी है इसमें पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध की रस्में की जाती हैं।