सुधांशु पुरी/अभिषेक श्रीवास्तव
सीतापुर । तंबौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बद से बदत्तर बनी हुई है। यहां अधिकारियों के आदेश के बावजूद संविदा कर्मचारियों का बोल बाला है और प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना कमाई का जरिया बनी हुई है,तभी तो 6-6 माह से फार्म फीड नही हुए। क्योंकि जो सुविधा शुल्क देगा फार्म उसका फीड होगा !
आपको बता दें कि केंद्र और प्रदेश की सरकार भले ही स्वास्थ विभाग में गरीबों के उत्थान के लिए तरह तरह की योजनाएं संचालित कर दे लेकिन सीतापुर स्वास्थ महकमा सुधारने का नाम नही ले रहा।
सीतापुर स्वास्थ विभाग की लीला भी अजब है। यहां अगर फायदा ना हुआ तो योजनाये सारी ठेंगे पर। ऐसा ही हाल है सीतापुर की तंबौर सीएचसी में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का !
मामला जिले की तंबौर सीएचसी का है। जहां कर्मचारियों कम्प्यूटर ऑपरेटरों की वजह से गरीबों को इस योजना का लाभ नही मिल पा रहा है और गरीबों से जमकर वसूली हो रही है। यह योजना है प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का। जहां लाभार्थी को प्रथम बच्चे पर तीन किस्तों में 5 हजार की धनराशि मिलती है। लेकिन तंबौर सीएचसी पर सूत्रों की माने तो कंप्यूटर आपरेटर और एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने इस योजना को कमाई का जरिया बना दिया है।वे जिस लाभार्थी को लाभ दिलाना चाहते है उसी को लाभ मिलता है।जबकि हजारों की तादात में फार्म की फीडिंग नही हुई ना ही संगनियों को आज तक कोई भुगतान हुआ जबकि एक फार्म का 50 रुपया मिलना चाहिए था। लेकिन इस सीएचसी के एनएचएम के ब्लाक के कम्प्यूटर आपरेटर और संविदा कर्मियों के तानाशाही रवैये से सभी परेशान है क्योंकि बीते मार्च से हजारों की तादात में फार्म नही फीड हुए।
नाम ना बताने की शर्त पर एक आशा संगिनी ने बताया कि जो सुविधा शुल्क 100 रुपये देता है सीएचसी पर उसी का फार्म फीड होता है। वर्ना फार्म गलत बताया जाता है।
वहीं जब इस मामले में जब एडिशनल सीएमओ पी के सिंह ने अधीनस्थों के पेंच कसे तो लगा फार्म अब फीड होंगे गरीबों को योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन अभी भी फार्म नही फीड हुए। बताया जा रहा है कि संविदा कर्मियों की इस कार्यशैली से तंबौर सीएचसी में हर कोई परेशान है क्योंकि बगैर सुविधा शुल्क दिए कार्य पूरा नही होता