पहले दूसरे देशों से आयात और निर्यात की बात होती थी तो लोग समझ जाते थे की बात किसी व्यापार की हो रही है या फिर आसान भाषा में एक देश का माल दूसरे देश में लाया या फिर ले जाया जा रहा है। कुछ बिमारियाँ भी होती हैं जब किसी एक देश के लोग किसी अन्य देश में जाते हैं तो साथ ही चल आती हैं और उस नए देश के लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेती हैं। लेकिन आज कोई सामान या फिर बिमारी नहीं, अब हमारे देश में आयात हुई एक सोच और एक लहर जो क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए सबसे अग्रसर दिख रही है । सोच का नाम है मी-टू यानि की मैं-भी। आजकल चल रही खबको में आपने इसका नाम सुन ही लिया होगा। तो आइये जानते हैं की ये आखिर है क्या …..
कैसे हुई शुरुआत :
अक्टूबर 2017 में एलिशा मिलानो नाम की मशहूर अमेरिकी अभिनेत्री ने ट्विटर पर एक हैशटेग बनाया, जिसमें जबरदस्ती शारीरिक शोषण का खुद को शिकार बताया गया। इस ट्वीट के आने के बाद उसी दिन इस हैशटैग को रात तक करीब दो-लाख बार उपयोग किया गया और अगले दिन इसे पाँच लाख से ज्यादा बार लगाया गया। इस हैशटैग के चलते अनेकों बड़ी अमेरिकन हस्तियों का करियर खत्म हो गया। अब इस अभियान या हैशटैग का मतलब हो चुका हैे की हम अपनी बात बिना किसी भी हिचक और डर के बोल सकती हैं जो भी बमारे साथ है। चाहें जहाँ भी किसी भी महिला को किसी पुरुष से अपनी असुरक्षा का बोध होता है तो वह अपनी बात सामने रख सकती है।
भारत में प्रवेश
भारत में इसकी शुरुआत बॉलिवुड की जानी-मानी कलाकार तन्नूश्री दत्ता ने की जिसमें उन्होंने बॉलिवुड के जाने-माने अभिनेता नाना पाटेकर पर एक फिल्म की सूटिंग के दौरान छेड़खानी करने का आरोप लगाया। इसके बाद एक-एक करके तमाम लड़कियां/महिलाएं अपनी कहानियों के साथ सामने आईं और देश के कई ताकतवर लोगों पर यौन शोषण या बलात्कार के आरोप लगे।
किस-किस के नाम आए सामने
इस केस में अब तक नाना पाटेकर के बाद, कलाकार आलोकनाथ, केन्द्रीय मंत्री एम.जे अकबर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर विकास बहल, अभिनेता ,स्क्रिप्ट राइटर और म्युजिक डायरेक्टर पीयूष मिश्रा, डायरेक्यर सुभाष घई, डायरेक्टर ऐर राइटर रजत कपूर ,कॉमेडियन वरुण ग्रोवर,डायरेक्टर साजिद खान, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर सुभाष कपूर, मशहूर सिंगर केलाश खैर जैसे दर्जनों मशहूर नाम हैं।