करनाल में प्रशासन और किसानों के बीच खींचतान थमी

निकिता सिंह: 28 अगस्त को बसताड़ा टोल पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच चल रहे टकराव पर विराम लग गया है। सूत्रों के अनुसार, सिर फोड़ने की बात करने वाले अधिकारी आयुष सिन्हा छुट्टी पर भेजे जाएंगे। वहीं मामले की जांच रिटायर जज करेंगे। वहीं बरसात के कारण करनाल जिला सचिवालय के गेट के सामने धरने पर बैठे किसानों के टेंट के अंदर पानी भर गया है।

आखिर क्यों हुआ था टकराव?

28 अगस्त को किसानों ने करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता वाली भाजपा की प्रदेश स्तरीय बैठक का विरोध करने का एलान किया था। इसके लिए किसान एकजुट भी हो गए थे। लेकिन शहर को पुलिस प्रशासन ने पूरी तरह सील कर दिया था। इसलिए किसानों का जमावड़ा नेशनल हाईवे स्थित बसताड़ा टोल पर लग गया।

वहीं पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ और  पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। उधर, तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा का लाठीचार्ज करने का आदेश देते हुए का वीडियो वायरल हो गया। जिससे किसान नाराज हो गए। इसी के विरोध में 7 सितंबर को करनाल में किसान महापंचायत हुई। जिसके बाद उसी दिन शाम को हजारों किसानों ने लघु सचिवालय पर डेरा जमा दिया। मसले को निपटाने के लिए दो वार्ता बेनतीजा रह चुकी हैं। अब इस वार्ता से हल निकलने के आसार दिख रहे हैं।

News Reporter
error: Content is protected !!