कोरोना के कारण आर्थिक गतिविधियों के बंद होने से दिल्ली के राजस्व प्राप्ति में आई भरी कमी, वित्त वर्ष 2020-21 में दिल्ली को अनुमानित राजस्व से 41% कम राजस्व की प्राप्ति हुई, 2021-22 में भी अबतक अनुमानित राजस्व से 23% कम राजस्व मिला: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
केंद्र सरकार द्वारा अगले साल जून से जीएसटी कंपनसेशन देना बंद करने से दिल्ली सरकार के राजस्व में 8000 करोड़ रुपयों की आएगी अतिरिक्त कमी
वर्तमान वित्त वर्ष में दिल्ली सरकार के जीएसटी कलेक्शन में 23%, वैट कलेक्शन 25%, एक्साइज कलेक्शन 30%, स्टाम्प कलेक्शन 16% व मोटर व्हीकल टैक्स कलेक्शन में 19% की आई कमी
केंद्रीय करों में दिल्ली का 1 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपयों का योगदान, पर केंद्र सरकार से दिल्ली को मिलते है केवल 325 करोड़ रूपये
नई आबकारी नीति से दिल्ली को मिलेगी थोड़ी राहत, नवंबर 2021 से हर साल लगभग 3500 करोड़ रुपयों के अतिरिक्त राजस्व की होगी प्राप्ति साथ ही शराब माफियाओं पर भी कसेगा शिकंजा: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली: कोरोना के कारण आर्थिक गतिविधियों के बंद होने से दिल्ली सरकार के राजस्व प्राप्ति में भरी कमी आई है| बुधवार को उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी जानकारी दी| उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में दिल्ली सरकार को अनुमानित राजस्व से 41% कम राजस्व की प्राप्ति हुई, 2021-22 में भी अबतक अनुमानित राजस्व से 23% कम राजस्व मिला है| उन्होंने आगे बताया कि कोरोना के कारण आर्थिक गतिविधियों के बंद होने व केंद्र सरकार से केंद्रीय करों में न के बराबर भागीदारी मिलने से दिल्ली के राजस्व प्राप्ति में भरी कमी हुई है| साथ ही केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी कंपनसेशन देना बंद करने दिल्ली सरकार के राजस्व में अगले साल से 8000 करोड़ रुपयों की कमी आएगी| दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार की उदासीन नीति के कारण दिल्ली को केंद्रीय करों में केवल 325 करोड़ रूपये मिलते है जबकि केंद्रीय करों में दिल्ली सरकार की भागीदारी 1 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपयों की होती है|
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 व 2021-22 कोरोना के कारण प्रभावित रहा है| वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिल्ली सरकार को अनुमानित राजस्व से 41% कम राजस्व की प्राप्ति हुई| 2021-22 में भी सरकार को अबतक अनुमानित राजस्व से 23% कम राजस्व की प्राप्ति हुई है| ये चिंता की बात है इसकी वजह से कर्मचारियों के वेतन और कोरोना संबंधी खर्चों के अलावा सरकार ने बाकि खर्चों को रोक कर रखा| साथ ही बाकि राज्य सरकारों के साथ-साथ दिल्ली को भी अगले साल से जीएसटी कंपनसेशन मिलना बंद हो जाएगा| जिससे दिल्ली सरकार के राजस्व में 8000 करोड़ की कमी आएगी| उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय करों से पिछले 20 सालों से केवल 325 करोड़ रूपये मिलते है| जबकि दिल्ली का केंद्रीय करों में 1 करोड़ 40 लाख रूपये का योगदान होता है| श्री सिसोदिया ने कहा कि इन वजहों से आने वाले समय में काफी मुश्किलें होंगी क्योंकि केंद्र सरकार से दिल्ली सरकार को केंद्रीय करों में उचित हिस्सा नहीं मिलता है| उन्होंने साझा किया कि वर्तमान में दिल्ली सरकार के जीएसटी कलेक्शन में 23%, वैट कलेक्शन 25%, एक्साइज कलेक्शन 30%, स्टाम्प कलेक्शन 16% व मोटर व्हीकल टैक्स कलेक्शन में 19% की कमी आई है|
राजस्व प्राप्ति में आई इन गिरावटों के बावजूद दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई नई आबकारी नीति से कुछ सफलता मिली है जिससे आने वाले समय में सरकार का राजस्व बढ़ेगा| इस बाबत उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्त्व में 15 अप्रैल 2021 को दिल्ली की नई आबकारी नीति को मंजूरी मिली| इसका उद्देश्य दिल्ली में आबकारी करों में होने वाली चोरी को रोकना था| इस नीति के तहत सबसे बड़ा बदलाव एक्साइज ड्यूटी और वैट को लाइसेंस फीस में तब्दील कर देना था| क्योंकि यही सबसे ज्यादा कर चोरी होती थी| अबतक शराब के दुकान की लाइसेंस फीस 8-10 लाख रूपये व एक्साइज ड्यूटी 300% हुआ करती थी| उच्च दरें होने के कारण करों को बहुत ज्यादा चोरी हुआ करती थी| दिल्ली सरकार ने इसे रोकने के लिए प्रति दुकान लाइसेंस फीस 6-7 करोड़ रूपये कर दी व 10% ज्यादा कीमते बढ़ाकर बिडिंग की| उन्होंने बताया कि इन बदलावों के बाद सरकार का ये आंकलन था कि इससे लगभग 2500 करोड़ रुपयों का राजस्व बढ़ेगा| लेकिन नई आबकारी नीति के क्रांतिकारी प्रयासों से सरकार को नवंबर 2021 के बाद से हर साल लगभग 3500 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति होगी| और सरकार को एक्साइज से लगभग 10000 करोड़ के कुल राजस्व की प्राप्ति होगी| दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा है| जिनके लिए लगभग 225 बोलियाँ आई है|
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने साझा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की नीतियों की वजह से 2016 के बाद दिल्ली में शराब की एक भी नई दुकान नहीं खुली| उन्होंने बताया कि दिल्ली में कई वार्ड ऐसे थे जहाँ 10 से ज्यादा शराब की दुकाने थी जबकि कई वार्डों में एक भी दुकाने नहीं थी| | उनका बराबर का वितरण किया जाएगा, ताकि दुकान नहीं होने की वजह से जहां-जहां भी शराब माफिया काम कर रहा है, उसके सारे दरवाजे बंद हो जाएं। जिन वार्डस में दुकाने नहीं थी वहां शराब माफिया अवैध तरीके से शराब का व्यवसाय करते थे| दिल्ली में करीब 850 वैध और 2000 अवैध शराब की दुकाने थी| इन पर शिकंजा कसने के लिए दिल्ली सरकार ने पिछले तीन-चार साल में काफी कोशिशें की और उसके परिणामस्वरूप पिछले 2 साल में करीब 7 लाख 9 हजार बोतल अवैध शराब पकड़ी गई। टीम ने शराब माफियाओं के खिलाफ 1864 एफआईआर दर्ज की । पिछले 2 वर्षों में 1939 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पिछले 2 सालों में शराब माफियाओं से करीब 1000 वाहन जप्त किए गए हैं। अब नई एक्साइज पालिसी से इन अवैध शराब माफियाओं पर पूरी तरह लगाम लगेगा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नई आबकारी नीति से इस पूरी प्रणाली में भी काफी बदलाव आयेंगे| किसी भी शराब की दुकान के लिए कम से कम 500 वर्ग फीट की दुकान होना जरूरी होगा। दुकान का कोई भी काउंटर सड़क की तरफ नहीं खुलेगा। अभी तक सरकारी शराब की दुकान में एक खिड़की में हाथ डाल कर लोग शराब लेते हुए दिखाई देते हैं। दिल्ली में अब इस तरह का नजारा दिखाई देना बंद हो जाएगा, जो भी काउंटर होगा, वह दुकान के अंदर होगा। उन्होंने कहा कि यह दुकान वालों की जिम्मेदारी होगी कि वे दुकान के बाहर कानून-व्यवस्था को बनाकर रखें, साफ-सफाई रखें और वहां वातावरण अच्छा बना कर रखें। किसी भी तरह से खुले में शराब की खपत नहीं होगी। इसके लिए दुकानदार को सीसीटीवी लगाने और सुरक्षा गार्ड आदि की व्यवस्था करनी होगी। जरूरत पड़ेगी, तो पुलिस से भी संपर्क करना पड़ेगा, लेकिन वहां पर खुले में शराब पीने का माहौल नहीं बनने देना होगा, इसकी जिम्मेदारी दुकानदार की होगी। साथ ही 17 नवम्बर से नई दुकाने खुल जाएंगी| इस दौरान सरकारी दुकाने खुली रहेंगी|