
पिछले वर्ष 1053.52 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल 1113.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हुई बुवाई क्षेत्र में 5.71 फीसदी की बढ़ोतरी। खरीफ फसलों की बुवाई क्षेत्र में संतुष्टिप्रद प्रगति नजर आ रहा है। आंकड़ा नीचे दिया गया है खरीफ फसल का बुवाई क्षेत्रः पिछले साल 1053.52 लाख हेक्टेयर की तुलना में 18-09-2020 तक कुल 1113.63 लाख हेक्टेयर इलाके में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है। हालांकि, देश में पिछले साल की तुलना में यह बुवाई क्षेत्र 5.71 प्रतिशत अधिक है। फसल के अनुसार क्षेत्र का ब्यौरा नीचे दिया गया हैः-
चावल: चावल की बुवाई पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 378.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 406.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है अर्थात पिछले साल के मुकाबले इस साल 28.26 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है।
दलहन: पिछले वर्ष के 132.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले इस बार 138.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन की खेती हुई है, अर्थात पिछले साल के मुकाबले इस साल 6.28 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है।
मोटे अनाज: पिछले वर्ष के 178.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 182.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की खेती हुई है अर्थात पिछले साल के मुकाबले इस साल 3.53 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है।
तिलहन: पिछले साल के 178.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 196.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तिलहन की बुवाई हुई है अर्थात पिछले साल के मुकाबले इस साल 18.68 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है।
गन्ना: पिछले साल के 51.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 52.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुवाई हुई है अर्थात पिछले साल के मुकाबले इस साल 0.87 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है।
जूट और मेस्टा:पिछले साल के 6.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 6.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जूट और मेस्टा की बुवाई है अर्थात पिछले साल के मुकाबले इस साल 0.12 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है।
कपास: पिछले वर्ष के 127.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 129.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की गई अर्थात अर्थात पिछले साल के मुकाबले इस साल 2.38 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है।
कोविड-19 महामारी के दौरान खेत में किसानों की सुविधा के लिए भारत सरकार की कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग ने कई उपायें किए हैं।