टीवी 9 ग्रुप ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री को चिट्टी लिखकर बार्क की रेटिंग को तुरंत प्रभाव से बहाल करने की मांग की है। टीवी 9 के सीइओ बरुन दास की इस चिट्ठी में कहा गया है कि बार्क रेटिंग पर से प्रतिबंध हटाया जाए। फ्री मार्केट के सिद्धांत का सम्मान किया जाए क्योंकि लाखों लोगों की जीविकाएं दांव पर लगी हुई हैं। इस चिट्टी में एनबीए की कार्यशैली पर करारा प्रहार किया गया है। चिट्टी में लिखा है कि एनबीए पिछले दरवाजे से काम कर रही है।
सवाल यह है कि अगर बार्क की ये रेटिंग झूठी है तो आखिर क्यूं शेष इंडस्ट्री के लिए इसी रेटिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। न्यूज जोनर का हिस्सा सिर्फ १२ प्रतिशत ही है। आखिर फिर ऐसा क्यों है कि वही रेटिंग सिस्टम १२ फीसदी के लिए बुरा और शेष ८८ फीसदी के लिए अच्छा है। चिट्ठी में एनबीए पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। चिट्ठी में लिखा है कि सैकड़ों न्यूज चैनल एनबीए के मेंबर नही हैं। एनबीए इंडस्ट्री का सही प्रतिनिधत्व नही करती है। जो चैनल एनबीए के मेंबर हैं, उनसे भी सलाह मशवरा नही किया जाता है। टीवी ९ खुद एनबीए का मेंबर है। मगर बार्क की रेटिंग के सिलसिले में उससे भी कोई सलाह मशवरा नही किया गया।
रेटिंग को सस्पेंड किए जाने से इंडस्ट्री की विश्वसनीयता को धक्का लगा है। रेटिंग सस्पेंड होना कुछ चैनलों को फायदा पहुंचाने का तरीका लगता है। ये वे चैनल हैं पिछले छह महीने में जिनकी रेटिंग गिरी है। रेटिंग के सस्पे्ंशन से उन्हीं चैनलों को फायदा पहु्ंचा है जिनकी व्यूवरशिप और रेटिंग गिरी हुई थी। यही चैनल एनबीए के बोर्ड में भी शामिल हैं। चिट्टी में मांग की गई है कि न्यूज जोनर की रेटिंग के सेलेक्टिव सस्पेंशन को तत्काल खत्म किया जाए।