रिपोर्टर-लालबाबू
देवरिया। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत दो शिक्षकों को बीएसए ने फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में मंगलवार को बर्खास्त कर दिया। दोनों शिक्षक जिले के रुद्रपुर क्षेत्र में तैनात थे। एसटीएफ ने फर्जीवाड़े का खुलासा कर बेसिक शिक्षा अधिकारी को जानकारी दी थी।
गोरखपुर एसटीएफ ने कुछ माह पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी को रुद्रपुर क्षेत्र में दो शिक्षकों के कूटरचित और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के साक्ष्य सहित जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी थी।
इसमें एक शिक्षक विवेक कुमार पुत्र लालजी राम पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगत माझा में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत था। वह गोरखपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जरलही विकास क्षेत्र पिपरौली में कार्यरत सहायक अध्यापक विवेक कुमार त्रिपाठी पुत्र लालजी राम त्रिपाठी निवासी ग्राम पोस्ट कोठा विकास क्षेत्र बांसगांव के प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहा था। इसकी पुष्टि विवेक कुमार त्रिपाठी ने एसटीएफ कार्यालय में पहुंचकर भी की थी। बेसिक शिक्षा अधिकारी की जांच में मामला सही पाया गया और देवरिया में कार्यरत शिक्षक विवेक कुमार पुत्र लालजी राम को नवंबर माह में नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा गया, लेकिन वह नहीं आया। इस पर बीएसए संतोष कुमार राय ने अब उसे बर्खास्त कर दिया है।
दूसरा मामला प्राथमिक विद्यालय बीड़ी क्षेत्र रुद्रपुर का है।
यहां कार्यरत सहायक अध्यापक आनंद गांधी ने स्नातक के अंकों में हेरफेर कर नौकरी हथिया ली थी। इसका खुलासा भी एसटीएफ की जांच में हुआ। आनंद गांधी ने स्नातक में कुल अंक 954 दर्शाए हैं, जबकि दीदउ गोरखपुर विवि के परीक्षा नियंत्रक ने 868 अंक होने की जानकारी दी। एसटीएफ ने इसका विवरण बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजा। बीएसए ने मामले की अपने स्तर से भी जांच कराई। इसमें एसटीएफ की बात सही मिली। इस पर शिक्षक को नोटिस देते हुए अपना पक्ष रखने का अवसर बीएसए ने दिया। आनंद गांधी ने अपना पक्ष रखा लेकिन बीएसए के परीक्षण में शिक्षक का पक्ष तथ्यहीन मिला। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसे बर्खास्त कर दिया।
अब तक 52 शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त
जिले के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 52 शिक्षक अब तक बर्खास्त हो चुके हैं। इससे पूर्व अलग-अलग तिथियों में 50 फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई हो चुकी थी। इसमें अधिकांश मामले एसटीएफ ने पकड़े हैं। वहीं मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से छह शिक्षक दूसरे की जगह नौकरी करते पाए जाने पर बर्खास्त किए गए थे। इसके अलावा एक समान पैन कार्ड और फर्जी कागजातों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की बर्खास्तगी हुई है।