उन्नाव।एक और सड़क हादसा ने दो परिवारों की जिंदगी तबाह कर दी। एक के परिवार में चिराग जलाने वाला नहीं बचा तो एक-दूसरे परिवार का इकलौता चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। पोस्टमार्टम हाउस में मचा परिवारजनों का कोहराम आसपास के लोगों को भी गमगीन कर रहा था। थाना पुलिस पोस्टमार्टम के कागज तैयार करने में लगी थी। जैसे-जैसे परिवारजनों को घटना की जानकारी मिलती वैसे वैसे सभी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच रहे थे।
परिवारजनों के पहुंचते ही बिलखने का स्वर और तेज हो जाता था। हादसे के समय तक मृतक उन्नाव से चकलवंशी संडीला मार्ग होते हुए बांगरमऊ जा रहे थे। जहां रास्ते में पेट्रोल पंप के पास अवैध खनन करके बालू ले जा रहे डंफर आनियंत्रित होकर इनोवा में टक्कर मारते हुए उसी के ऊपर गिर पड़ा। जिससे सभी इनोवा सवार उसी के नीचे दब गए। जब तक पुलिस राहत और बचाव कार्य करती पांच लोग दम तोड़ चुके थे।
आधी रात हुई घटना के बाद मौके पर कोहराम मच गया। कई थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची। घटना के बाद एक बार फिर जनपद में हो रहे अवैध खनन पर मोहर लगती है जनपद में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है जिससे शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है वही अवैध खनन में लगे वाहन दुर्घटनाओं का सबब बने हैं।
कलेक्ट्रेट के भूलेख विभाग में कार्यरत हीरालाल (30) पुत्र मनोहर लाल पाल, अपनी पत्नी निर्मला, बेटा वेदांश और बेटी रश्मि के साथ सदर कोतवाली क्षेत्र के कब्बा खेड़ा मोहल्ले से बांगरमऊ होते हुए मथुरा वृंदावन दर्शन के लिए जा रहे थे। इनोवा कार में हीरालाल के साथ सरवन (28) पुत्र कमलेश, नंदलाल (32) पुत्र महावीर, राजकुमार (30) पुत्र दुलारे भी साथ जा रहे थे।
चकलवंशी से संडीला मार्ग होते हुए अपने गांव की तरफ बड़े ही थे कि रसूलाबाद थाना आसीवन स्थित पेट्रोल पंप के पास अवैध खनन के बाद ओवरलोड डंपर अनियंत्रित होकर इनोवा में टक्कर मारते हुए पलट गया। जिससे इनोवा सवार सभी लोग ट्रक के नीचे दब गए। जिसमें हीरालाल व उनकी पत्नी बेटे बेटी की मौत हो गई। जबकि कमलेश का इकलौता बेटा सरवन भी हादसे का शिकार हो गया। क्षेत्रीय पुलिस ने रात में ही घटना के संबंध में परिवारीजनों को जानकारी दे दी।
जिससे पोस्टमार्टम हाउस में बड़ी संख्या में मृतक परिजन पहुंच गए। घायलों में नंदलाल 32 पुत्र महावीर निवासी गोरिया खुर्द थाना कोतवाली बांगरमऊ गंभीर रूप से घायल हैं। जिन्हें जिला अस्पताल से कानपुर रेफर कर दिया गया है।कमलेश ने बताया कि रात में उसे सूचना मिली गाड़ी एक्सीडेंट कर गई है। इसके बाद वह घटनास्थल पर गए। लेकिन तब तक पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। कमलेश ने बताया कि तीन लड़कियों में सरवन अकेला था। उसकी तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। कमलेश ने बताया कि सरवन की शादी की बात चल रही थी और उनका शीघ्र ही शादी करने का प्रोग्राम था। बुढ़ापे में कमलेश के कंधों पर इकलौते पुत्र की अर्थी, उसका रो रो कर बुरा हाल था।
हीरालाल पाल के चचेरे भाई महेंद्र पाल ने बताया कि 12 साल पूर्व पिता की मौत के बाद हीरालाल को कलेक्ट्रेट में भूलेख विभाग में नौकरी मिली थी जिन्होंने कव्वाल खेड़ा में अपना निवास बनाया था जहां से हुए मथुरा वृंदावन दर्शन के लिए जा रहे थे हादसे में हीरालाल का पूरा परिवार मौत की आगोश में सो गया। हीरालाल तीन भाइयों में बीच का था जिसमें मुंशीलाल गांव में रहकर खेती बाड़ी का काम देखता था। जबकि सोनू पाल लुधियाना में रोजी रोटी कमा रहा था। महेंद्र पाल ने बताया कि घटना की जानकारी सोनू को दे दी गई है।