मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूपी सरकार ने सोमवार की रात में प्रदेश में 14 पुलिस अफसरों का स्थानांतरण किया। जिनमें प्रयागराज के एसएसपी अनिरुद्ध सत्यार्थ पंकज को भी हटा दिया गया। अपने स्थांतरण की जानकारी के बाद उन्होंने ट्विट किया “एसएसपी प्रयागराज के पद पर रहते हुए प्रयागराज कि जनता ने जो प्यार और भरोसा दिया उसका मैं सदैव आभारी रहूंगा”। उसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विट कर लिखा कि “आपको हमारी शुभकामनाएं, यह विश्वास है कि जहां भी आपकी डियूटी होगी वहां आप सच्चाई और प्रशासन की पारदर्शिता के लिए काम करेंगे”।
उन्होंने दूसरे ट्विट में लिखा कि ” प्रयागराज एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध का टियूट देख कर आश्चर्य हुआ जिस समय उन्होंने इतने बड़े घोटाले का खुलासा किया है, उनके जाने से जांच को नुकसान न हो। वजह जो भी है ऐसे अफसरों को पब्लिक का पूर्ण समर्थन मिलना चाहिये।जो ईमानदारी निर्भय होकर अपना कर्तव्य निभाते हैं”। हालांकि आईपीएस अनिरुद्ध सत्यार्थ पंकज ट्रूनेट के टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कन्फर्मेशन के लिए आरटीपीसीआर में जांच के लिए नमूना भेजा जा रहा है। एतिहातन तौर पर उन्हें एसआरएन अस्पताल के कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती किया गया है। उनका गनर सोमवार को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद उन्होंने भी टेस्ट कराया है।
उसके बाद यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष पंकज मालिक ने एक विज्ञप्ति जारी कर योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। 69 हज़ार शिक्षक भर्ती की जांच कर रहे प्रयागराज के SSP को हटाया जाना इस बात का प्रमाण है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार की नियत ठीक नहीं है। इस सरकार में शामिल कई बड़े चेहरे इस घोटाले के खिलाड़ी हैं। योगी आदित्यनाथ को डर था कि कहीं उन नेताओं का नाम न सामने आ जाये इसलिए अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है। यह सरकार भ्रष्टाचारी गिरोह से संचालित हो रही है। सरकार सच का गला घोंट रही है। गाज़ियाबाद के पुलिस अधिकारी ने पोस्टिंग-ट्रांसफर में व्याप्त लेन देन पर सवाल उठाया। वह दमन का शिकार बने। पीपीई किट घोटाले पर एक पत्रकार साथी ने सवाल उठा दिया तो पुलिस उन्हें प्रताड़ित करने लगी। केजीएमयू मेडिकल कॉलेज में सवाल उठा वहां भी सरकार का रैवया दमनकारी रहा। अभी एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने कोरोना टेस्टिंग की मांग की तो उन पर एफआईआर किया गया।
उन्होंने कहा कि अब भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रयागराज SSP को हटाया गया। सुनने में आ रहा है कि कोरोना का सरकार बहाना बना रही है। यह कौन सी नियमावली है कि अगर कोई बीमार है तो उसे हटा दिया जाए।मालिक ने कहा कि सबसे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि प्रयागराज में जिस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लाया गया है। ये एसएसपी महोदय वही हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए अंधभक्तों के साथ थाली पीट रहे थे। पंकज मलिक ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचारियों के गिरोह से संचालित हो रही है। खुलेआम युवाओं-नौजवानों के सपनों के हत्यारों को बचाने की साजिश रची गयी है। यह ताबदला नहीं, बल्कि शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश है।