• प्रोमोटर्स द्वारा जारी किए गए परियोजना संबंधी विज्ञापनों में रेरा पंजीयन सँख्या तथा रेरा पोर्टल का प्रमुखता से उल्लेख नहीं पाया गया।
• रेरा अधिनियम के उद्देश्यों के अनुरूप पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए उसके नियमों का पालन आवश्यक।
लखनऊ- गौतम बुद्ध नगर: उ.प्र. रेरा ने लखनऊ के दो प्रोमोटर्स- ओरो इंफ्रा डेवलपर्स एलएलपी तथा एआईएस डेवलपर्स एलएलपी को रेरा अधिनियम की धारा- 11(2) के उल्लंघन का दोषी पाया है और इस संबन्ध में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दोनों प्रोमोटर्स द्वारा अपनी रेरा पंजीकृत परियोजना के विज्ञापनों में रेरा पंजीयन सँख्या तथा रेरा पोर्टल का प्रमुखता से उल्लेख नहीं किया गया था। यह कृत्य रियल एस्टेट सेक्टर के हितधारकों के हितों तथा रेरा अधिनियम के उद्देश्यों के विपरीत है।
ओरो इंफ्रा डेवलपर्स एलएलपी द्वारा अपनी परियोजना, ओरो कॉन्सटेला, तथा एआईएस डेवलपर्स एलएलपी द्वारा अपनी परियोजना, दी गलेरिया, के प्रिन्ट विज्ञापनों में रेरा पंजीयन सँख्या तथा रेरा पोर्टल का उल्लेख बहुत छोटे अक्षरों में किया गया है जबकि शेष जानकारियाँ बड़े अक्षरों में प्रस्तुत की गई थी।
उ.प्र. रेरा सचिव के अनुसार, “भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण में पंजीकृत परियोजनाओं के प्रोमोटर्स से अपेक्षा की जाती है कि अपनी परियोजनाओं के लिए जारी किए जाने वाले विज्ञापनों में रेरा पंजीयन सँख्या तथा रेरा पोर्टल की जानकारी स्पष्ट और बड़े अक्षरों में दें, जैसा कि वे परियोजना की अन्य विशेषताएं तथा जानकारियाँ देते है। हमारा प्रयास है कि रेरा अधिनियम के प्राविधानों का हितधारकों से पालन कराया जाए जो रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक है।”
दोनों प्रोमोटर्स को नोटिस जारी करके अगले 7 दिनों के अंदर अपना पक्ष सचिव, उ.प्र. रेरा के समक्ष रखने को कहा गया है। प्रोमोटर, रियल एस्टेट क्षेत्र के महत्वपूर्ण हितधारक है और उन्हे यह समझना होगा कि रेरा अधिनियम के अनुरूप कार्य करके ही वे अपने भावी उपभोक्ताओं/ घर खरीदारों का विश्वास जीत पाएंगे और तेजी से विकास की दौड़ में अपनी भूमिका निभा सकेंगे