मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा राज्य है। आने वाले समय में यह डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग का भी सबसे बड़ा हब बनेगा। मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने वाले डिफेंस कॉरिडोर में युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। बुधवार को यहां शहीद पथ स्थित वृंदावन योजना के सेक्टर-15 में आयोजित प्रदेश के पहले डिफेंस एक्सपो को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक का यह सबसे बड़ा एक्सपो है। देश और दुनिया की 150 से अधिक नामी कंपनियां इसमें हिस्सा ले रहीं हैं। इस लिहाजा से ये बेहद बड़ा और खास मौका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज यहां पर आना मेरे लिए दोहरी खुशी है, क्योंकि मैं बतौर प्रधानमंत्री और बतौर सांसद आपका यहां पर स्वागत करता हूं। उत्तर प्रदेश आने वाले समय में डिफेंस सेक्टर के सबसे बड़े हब के रूप में विकसित होने वाला है। दुनिया भर से आए हुए व्यापारियों के सामने प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज डिफेंस और स्पेस दोनों जगह मजबूत हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार का एक्सपो भारत का सबसे बड़ा एक्सपो है, जो कि ऐतिहासिक है। इस बार 1000 से ज्यादा डिफेंस मैन्युफैक्चर इसका हिस्सा बने हैं, अनेक देशों के मंत्री और व्यापारी हमारे बीच हैं। इसके जरिए भारत के युवाओं को मेक इन इंडिया में योगदान करने का अवसर मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब दुनिया में जहां भी कहीं 21वीं सदी की चर्चा होती है, उसमें भारत की चर्चा जरूर होती है। यह एक्सपो भी दुनिया का भारत पर भरोसे का प्रतीक है। पड़ोसी देशों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि हम ऐसे क्षेत्र में हैं जहां पर अपने साथ-साथ पड़ोसी को भी सुरक्षित करने की जिम्मेदारी है। भारत ने हमेशा विश्वशांति का संदेश दिया है, हमने किसी पर हमला नहीं किया है। दो विश्वयुद्ध में हमारे हजारों जवान शहीद हुए लेकिन वो लड़ाई हमारे लिए नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे युग बदल रहा है सुरक्षा की चिंता बढ़ रही है। टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल दुनिया के लिए खतरा है। सुरक्षा के मसले पर दुनिया आगे बढ़ रही है, भारत भी इसी रास्ते पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत डिफेंस सेक्टर के आर्टिफिशल इंटेलीजेंस को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है, अगले 5 साल में हम आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के 25 प्रोडक्ट बनाने पर काम करना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डिफेंस के मसले पर काम किया, जिसे हमारी सरकार आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अपनी जरूरतों के लिए आधुनिक शस्त्रों को बना रहा है और दुनिया के अन्य देश भी हमारे प्रोडक्ट को ले रहे हैं। पिछले दो साल में भारत 17 हजार करोड़ रुपए डिफेंस प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कर चुका है, इसे हम पांच साल में 35 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ाना चाहते हैं। हमारी नीति सिर्फ इम्पोर्ट पर फोकस रही, लेकिन अब इसे बदलना होगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लिए सिर्फ बाजार नहीं, बल्कि एक बेहतरीन मौका भी है। सुरक्षा की चिंताएं और चुनौतियां और गंभीर हो रही हैं। इस लिहाज से भी यह आयोजन मत्वपूर्ण है। हमारा लक्ष्य अगले पांच साल में डिफेंस से जुड़े अधिकांश उत्पादों को देश में ही बनाना है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अटल विहारी बाजपेयी जी हमारे श्रद्धेय और अुनकरणीय है। हमारी सरकार उनके विजन पर काम कर रही है। साल 2014 तक सिर्फ 217 डिफेंस लाइसेंस जारी किए गए थे, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद ये संख्या 460 तक पहुंच गई है। मसलन सेना की जरूरतों के तमाम साजो-सामान देश में ही बन रहे हैं। भविष्य में हम इस क्षेत्र में सिर्फ आत्मनिर्भर ही नहीं होंगे, बल्कि अन्य देशों को भी सैन्य साजो-सामान निर्यात भी कर सकेंगे। 2014 के बाद डिफेंस पॉलिसी में सुधार करने के बाद चीजें तेजी से बदली हैं। इस क्षेत्र में उपयोगी और गुणवत्ता के शोधों की संख्या बढ़ी है। डिफेंस एक्सपो जैसे आयोजन और डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना से इनमें और भी तेजी आएगी। तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में एक-एक डिफेंस कॉरिडोर बन रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को और गति देने के लिए और विस्तार देने के लिए नए लक्ष्य, नए टारगेट रखे गए हैं। हमारा लक्ष्य रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एमएसएमई की संख्या को अगले पांच वर्षों में 15 हजार के पार पहुंचाना है। भारत में दो बड़े डिफेंस कॉरिडोर बन रहे हैं, पहला तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में तेजी के साथ बन रहा है। अब तक यूपी डिफेंस कॉरिडोर के लिए 3000 करोड़ से अधिक की योजना आ चुकी है, लखनऊ के साथ-साथ अलीगढ़, आगरा, झांसी समेत अन्य शहरों में काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार के साथ निजी क्षेत्र की बराबर की भागीदारी से देश को और शक्तिशाली बनाया जा सकता है। नई नीति में इसी मकसद से डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग में निजी क्षेत्र को अवसर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि अमेठी में भी भारत-रूस एक साथ रायफल बनाने का काम कर रहे हैं। भारत में सिर्फ प्रोडक्शन ही नहीं, बल्कि प्रोडक्ट को असेंबल करने का भी काम किया जा रहा है। देश की प्रमुख इंडस्ट्री को डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग का कॉमन प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए। डिफेंस कॉरीडोर में पांच साल में 20000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। उप्र में 37000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा भी हो चुकी है। हमने डिफेंस सेक्टर के विस्तार के लिए नये लक्ष्य रखे हैं। इससे भविष्य में इस क्षेत्र में भारत की उपस्थित पहले से और मजबूत होगी। इसरो और डीआरडीओ की इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत परंपरा से शांति का पुजारी है। जरूरत पर हम पीड़ितों की मदद के लिए आगे आये हैं। प्रधानमंत्री ने दुनिया भर के निवेशकों से भारत में निवेश करने की अपील की।