सुधांशु पुरी/ अभिषेक श्रीवास्तव/सीतापुर: सीतापुर में स्वास्थ विभाग की हालत बद से बददत्तर की स्थिति बनी हुई है। यहां आशाओं की हालत बेहद खराब है कारण यह है कि अस्पतालों की आशाओं का भुगतान मार्च से नही हो पाया। जिसकी वजह से आज आशाओं का जीवन यापन करना बेहद मुश्किल हो गया है।
आपको बता दें मामला सीतापुर के मिश्रिख सीएचसी का है। जहां आशाएं एवं आशा संगिनी दर दर भटकने को मजबूर है। ज्ञात हो कि बीते 2 माह से पूरे देश में लॉक डाउन बना हुआ है। ऐसे में गांव गांव में तैनात आशाएं दिन दिन भर भूखे प्यासे रहकर लोगों की निगरानी कर रही है होम क्वारेन्टीन कर रही है। जागरूक करने का कार्य कर रही है। ऐसे में आलम यह है कि कोई अफसर इनकी सुध लेने वाला नही है। बीते मार्च से कोई भी भुगतान इन आशाओं का नही किया गया है। ना तो डेली बेस का भुगतान ना ही कोविड 19 का भुगतान। ऐसे में आशाओं एवं उनके परिवार के आगे भूख का संकट बना हुआ है। लेकिन स्वास्थ विभाग के अफसरों को इस बात से कोई फर्क पड़ता नही दिख रहा है।
वहीं इस मामले में जब हमने स्वास्थ विभाग के नोडल अफसर डॉक्टर पी के सिंह का कहना है कि आपने बताया है तो हम देखते है इस मामले में क्या है। वहीं इस मामले में सीएचसी मिश्रिख की बीसीपीएम स्मृति शुक्ला ने कहा कि मेरे पास कोई चार्ज नही है सारा पेमेंट सीएचसी में तैनात बालक राम जी करते है।इसी क्रम में जब एकाउंटेंट बालक राम से बात हुई तो उनका कहना था कि सीएचसी में पैसा नही आया जिसकी वजह से भुगतान नही हो सका। अब पैसा आया है भुगतान किया जाएगा।