उत्तराखंड मौसम अपडेट, उत्तराखंड में इस सप्ताह रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई हैं। जिससे बाढ़, भूस्खलन और संपत्ति का विनाश हुआ हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 46 हो गई है। राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित संशोधित आंकड़े दिखाए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक कुमाऊं का दौरा किया।
अपने पूर्वानुमान में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि बुधवार से बारिश में काफी कमी आएगी। साथ ही राज्य के शेष सप्ताह में बारिश कम रहने की संभावना है। मालूम हो कि उत्तराखंड में इस सप्ताह रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई हैं। सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कई टीमों और स्थानीय अधिकारियों के साथ बचाव और राहत अभियान चला रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों को 4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। धामी ने मंगलवार को राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत और राज्य के डीजीपी अशोक कुमार के साथ बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, जो मुख्यमंत्री धामी के साथ कुमाऊं क्षेत्र के वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर गए थे, ने कहा कि नैनीताल के काठगोदाम और लालकुआं और उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सड़कें, पुल और रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत में कम से कम चार-पांच दिन लगेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के अधिकारियों ने चारधाम तीर्थयात्रियों को मौसम में सुधार होने तक हिमालय के मंदिरों में ना जाने की सलाह दी है। उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के डीएम को चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे तीर्थयात्रियों का विशेष ध्यान रखने को भी कहा। धामी ने मंगलवार को तीर्थयात्रियों से अपनी अपील दोहराई कि वे जहां हैं वहीं रहें और स्थिति बेहतर होने तक अपनी यात्रा फिर से शुरू न करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को धामी और केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट से बात कर स्थिति का जायजा लिया हैं। प्रधानमंत्री ने केंद्र से सभी आवश्यक सहायता का वादा किया हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। हालांकि उन्होंने लोगों से घबराने की बात नहीं करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। धामी ने कहा कि लगातार बारिश से किसानों को जान माल का नुकसान हुआ है।
नैनीताल में भूस्खलन के कारण एक छात्रावास की इमारत क्षतिग्रस्त हो गई है। भूस्खलन ने शहर में निकास को अवरुद्ध कर दिया है। रामनगर-रानीखेत मार्ग पर लेमन ट्री रिसॉर्ट में लगभग 100 लोग फंस गए। जिससे कोसी नदी का पानी रिसॉर्ट में प्रवेश कर गया। नैनीताल जिले में बिजली, दूरसंचार और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
संघीय बल ने मंगलवार को कहा ,राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 300 से अधिक लोगों को बचाया है। एनडीआरएफ ने राज्य में 15 टीमों को तैनात किया है। पहाड़ी राज्य का कुमाऊं क्षेत्र भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिससे कई घर ढह गए और कई लोग मलबे में दब गए।सरकारी जानकारी के अनुसार, उधमसिंह नगर में छह टीमें, उत्तरकाशी, चमोली में दो-दो टीमें तथा देहरादून, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में एक-एक टीम तैनात है। प्रवक्ता ने कहा, नैनीताल में एक टीम और एक सब टीम को तैनात किया गया है। जबकि एक सब टीम को अल्मोड़ा में तैनात किया गया है।
भूस्खलन के कारण लोकप्रिय पर्यटन स्थल की ओर जाने वाली तीन सड़कों के कारण नैनीताल राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया था। राज्य के कुछ हिस्सों में दर्जनों पर्यटक फंसे हुए हैं। गुजरात के राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि एक मोटे अनुमान के मुताबिक, गुजरात के विभिन्न हिस्सों से चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड गए करीब 100 तीर्थयात्री भारी बारिश और भूस्खलन के कारण फंसे हुए हैं। एसडीआरएफ द्वारा 25-30 ट्रेकर्स को गंगोत्री ट्रेक से बचाया गया हैं। उत्तराखंड के गोमुख ट्रेक में फंसे करीब 25 से 30 ट्रेकर्स को राज्य आपदा मोचन बल के जवानों ने सोमवार देर रात बचाया एसडीआरएफ के जवान कुलदीप सिंह ने कहा कि ट्रेकर्स की टीम सोमवार को गोमुख ट्रेक पर फंस गई थी। जब लगातार बारिश के बाद देवगढ़ से एक किलोमीटर आगे पहाड़ियों से गिरने वाले पत्थरों से सड़क अवरुद्ध हो गई थी। घटना की जानकारी सोमवार देर रात गंगोत्री पुलिस चौकी को मिलने के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुई। सिंह ने कहा कि एसडीआरएफ के जवान भारी बारिश के बीच एक कठिन इलाके को पार कर फंसे हुए ट्रेकर्स तक पहुंचे और उन्हें गंगोत्री ले आए।