विकास कार्यो की समीक्षा शुरू होते ही जिलाधिकारी ने मई माह में प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा घोषित तहसील मनकापुर व तरबगंज के चार वनटांगिया ग्रामों बुटहनी, अशरफाबाद, रामगढ़ तथा मनीपुरग्रन्ट को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने के बाद से वहां पर मुख्यमंत्री द्वारा घोषित विकास कार्यक्रमों के प्रभावी ढंग से लागू न किए जाने तथा बेहद धीमी रफ्तार पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए दो दिन के भीतर, विद्युत, विकास विभाग, पेयजल विभाग, विकास विभाग, पेंशन योजनाओं, सम्पर्क मार्ग, स्कूल निर्माण, तथा अन्य सभी विकास कार्यों की वर्तमान रिपोर्ट सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों मांगी है। इसके अलावा रविवार शाम सीएचसी करनैलगंज में औचक निरीक्षण के दौरान वार्डों में मिली गन्दी व फटी चादरें मिलने पर डीएम ने सीएमओ से जवाब तलब किया है और गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए लगातार छापेमारी कर सभी स्वास्थ्य सुविधाएं दुरूस्त कराने तथा अस्पतालों में मानक के अनुसार दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
डीएम गोण्डा ने कडा़ रुख़ अपनाते हुए कहा कि जिन्दा हो और सांस ले रहे हो तो पता चलना चाहिए कि विभाग में हो और काम न कर पा रहे हो तो रिटायरमेन्ट ले लें वरना वे खुद स्क्रीनिंग कराकर सेवामुक्त करा देगे। शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं होगी। बार-बार चेतावनी नहीं और सुधरने का मौका भी नहीं दिया जाएगा। भ्रष्टाचार अट्टहास न करने पावे। सभी अधिकारी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करें, वे पूरा संरक्षण देगें परन्तु भष्टाचार और लापरवाही कतई क्षम्य नही हेागी। यह सख्त चेतावनियां डीएम कैप्टेन प्रभांशु श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित विकास कार्यो की मासिक समीक्षा के दौरान दी हैं।
136 के सापेक्ष 127 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों के निर्माण के बावजूद हैण्डओवर न होने पर कार्यदायी संस्था सीएण्डडीएस के परियोजना प्रबन्धक को फटकार लगाई गई है। डीएम ने कार्यदायी संस्था को एक माह की मोहलत देते हुए 10 अगस्त तक का समय दिया है। जिलाधिकारी ने सभी सरकारी विभागों में आउट सोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत जनशक्तियों का पीएफ न काटने की पूरी रिपोर्ट डिटेल के साथ देने तथा ईपीएफ न काटने वाली एजेन्सियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा विगत दिनों जिलाधिकारी द्वारा छापेमारी में गेहूं क्रय केन्दों पर मिली खामियों वाले केन्द्र प्रभारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश एआरओ को दिए है तथा बिना सूचना मीटिंग से नदारद रहने पर आरएफसी के खिलाफ कार्यवाही की चेतावनी दी है।
जिलाधिकारी ने एआरओ को निर्देश दिए कि पूर्ति विभाग में अब यूनिट घटाने या बढ़ाने का खेल तत्काल बन्द करा दें तथा एक माह के अन्दर सभी कार्ड धारकों की आधार सीडिंग भी करा कर रिपोर्ट दें। इसके अलावा जिलाधिकारी ने खनन, परिवहन, मुख्यमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा, बेसिक शिक्षा, निर्माण कार्य, कार्यक्रम विभाग, लेाक निर्माण विभाग, आवास विकास, गन्ना भुगतान, चकबन्दी, प्रधानमंत्री सउ़क योजना, चैदहवां वित्त आयोग, ग्रामीण पेयजल योजना, विपणन, लाभार्थीपरक योजनाओं , विभिन्न पेंशन योजनाओं सहित अन्य विभागों की समीक्षा की।
बैठक में सीडीओ अशोक कुमार, एडीएम रत्नाकर मिश्र, सीएमओ डा0 संतोष श्रीवास्तव, पीडी प्रशान्त कुमार श्रीवास्तव, डीसी एनआरएलएम दिनेश यादव, डीसी मनरेगा हरिश्चन्द्र प्रजापति, डीपीआरओ घनश्याम सागर, डीएफओ आर0के0 त्रिपाठी, डीसीओ ओपी सिंह, बीएसए आर0के0 वर्मा, डीपीओ जयदीप सिंह, डीडी एग्रीकल्चर मुकुल तिवारी, जला कृषि अधिकारी, एक्सईएन विद्युत अशोक यादव सहित अन्य विभागों अधिकारी उपस्थित रहे।