भोपाल बेटियों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की मप्र सरकार की लाड़ली लक्ष्मी
योजना सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी
और गर्व है कि बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए वर्ष 2007 में लागू की गई
लाड़ली लक्ष्मी योजना में वर्तमान में 39.81 लाख से अधिक बेटियां जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
योजना की लोकप्रियता को देखते हुए अन्य राज्यों ने भी इसे अपनाया है। मप्र सरकार (@mpmygov)ने
अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया कू (Koo) हैंडल पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी
योजना, गांव की बेटी, बेटियों को साइकिल जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से इनके सशक्तिकरण की
दिशा में काम किया। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश की इस महत्वाकांक्षी योजना को
विभिन्न राज्यों ने अपनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के वैश्विक परिदृश्य में बेटियों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वावलंबी
बनाए जाने की जरूरत है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में हमने लाडली बालिकाओं के कौशल प्रशिक्षण एवं
विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में रोजगार की उपलब्धता, उच्च शिक्षा तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों में उनकी
प्रतिभा को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है। इससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी तथा सामाजिक और
आर्थिक रूप से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कर सकेंगी।
चौहान ने प्रदेश की लाड़ली बेटियों से आग्रह किया है कि वे शाला में प्रवेश से लेकर निरंतर आगे की
कक्षाओं में अग्रसर होते हुए इसी लगन, उत्साह और परिश्रम से 12वीं कक्षा तथा उसके बाद भी अपने
रूचि अनुसार लक्ष्य निर्धारित करते हुए उच्च शिक्षा एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करें। इससे अन्य
बालिकाओं को भी प्रेरणा मिल सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना से जुड़ी बालिकाओं को
कॉलेज की पढ़ाई से लेकर स्व-रोजगार अथवा नौकरी पाने तक राज्य सरकार हरसंभव सहायता करेगी।