टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को जोहान्सबर्ग टेस्ट में टीम इंडिया की हार के बाद काफी याद किया जा रहा है। विराट पीट में जकड़न के चलते इस मैच में नहीं खेल सके, जहाँ टीम इंडिया को सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा। विराट की जगह केएल राहुल को जोहान्सबर्ग टेस्ट में अगुवाई का मौका मिला था। दक्षिण अफ्रीका को 240 रनों का टारगेट मिला था, जिसे मेजबान टीम ने तीन विकेट गंवाकर ही हासिल कर लिया। इस मैच के बाद टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ने विराट की कप्तानी को लेकर एक अहम बात कही है। कांबली ने कहा कि विराट की कप्तानी में 200 रनों को डिफेंड करते हुए टीम इंडिया कभी नहीं हारी है और यह बात उन्हें खास कप्तान बनाती है, जिसकी कदर नहीं की गई।
कांबली ने सोशल मीडिया पर लिखा, “टीम इंडिया ने विराट कोहली की कप्तानी में 200 रन डिफेंड करते हुए कभी कोई टेस्ट मैच नहीं हारा, इसलिए यह कप्तान खास है, जिसकी कदर नहीं की गई। साउथ अफ्रीका के खिलाफ इस मुकाबले ने काफी कुछ साफ किया है।”
पिछले कुछ समय से विराट की कप्तानी पर काफी चर्चा हो रही है। टी20 वर्ल्ड कप से पहले विराट ने क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने का फैसला सुनाया था। दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले विराट से वनडे टीम की कप्तानी भी ले ली गई। इसे लेकर विराट और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बयानों में भी दो अलग तरह की बातें सामने आईं।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि विराट को टी20 कप्तानी छोड़ने से मना किया गया था और वनडे कप्तानी रोहित शर्मा को सौंपने से पहले उनसे बात की गई थी। विराट ने हालाँकि इसके पलट कहा था कि टी20 कप्तानी के उनके फैसले को पूरी तरह से स्वीकार किया था और किसी ने उन्हें ऐसा करने से मना नहीं किया था। वहीं विराट ने कहा कि रोहित को कप्तान बनाए जाने के कुछ देर पहले ही उन्हें इसकी जानकारी दी गई थी। हाल में सीनियर मेंस सिलेक्शन कमिटी के चीफ चेतन शर्मा ने भी कहा कि विराट को टी20 कप्तानी छोड़ने से मना किया गया था।