दिल्ली ने बीते सोमवार को इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी सुबह दर्ज की, सफदरजंग में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन शीतलहर की स्थिति दर्ज की गई। सफदरजंग में न्यूनतम 4 डिग्री सेल्सियस (डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री कम है। आयानगर और लोधी रोड मौसम केंद्रों पर पारा और भी नीचे गिर गया, जो क्रमशः 3.8 डिग्री सेल्सियस और 3.7 डिग्री सेल्सियस देखा गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, लगातार तीन वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) के प्रभाव से आने वाले बुधवार से पूरे उत्तर भारत में शीत लहर की स्थिति समाप्त हो सकती है। गुरुवार तक दिल्ली में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की उम्मीद है। IMD ने 27 दिसंबर को बारिश की भी संभावना जताई है।
IMD ने कहा कि 18 से 21 दिसंबर के बीच का मौसम इस सर्दी के मौसम में अब तक का सबसे गंभीर होगा। और वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) की एक श्रृंखला के कारण शीत लहर की स्थिति समाप्त हो जाएगी। 22 दिसंबर को वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) कमजोर होगा और न्यूनतम और अधिकतम तापमान में एक डिग्री या इससे अधिक की वृद्धि हो सकती है। इसके बाद हम 24 दिसंबर से एक और कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) देखेंगे जिससे दिल्ली में आसमान में बादल छा सकते हैं। हालांकि, 26 दिसंबर से तीसरा वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) सबसे अधिक सक्रिय होगा और इसके 27 दिसंबर को दिल्ली में बारिश होने की संभावना है।
मंगलवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 22.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार तक इसके 23 डिग्री सेल्सियस और गुरुवार को 24 डिग्री सेल्सियस को छूने की उम्मीद है। न्यूनतम तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा और 27 दिसंबर तक 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। लेकिन बारिश और बादल छाए रहने से दिन ठंडा हो सकता है। तीसरा वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) 26-29 दिसंबर तक दिल्ली-एनसीआर को प्रभावित करने की संभावना है।
आईएमडी ने बुधवार तड़के कम से कम और अधिकतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से 23 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने के साथ कम कोहरे की भविष्यवाणी की है। पिछले दिसंबर में, इस महीने के दौरान सबसे कम न्यूनतम 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जो दिसंबर महीने के आखिरी दिन दर्ज किया गया था। 2019 में, यह 28 दिसंबर को 2.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जबकि 2018 में यह 29 दिसंबर को 2.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
आखिर क्या है ये वेस्टर्न डिस्टर्बेंस ?
मौसम बदलने पर, कैस्पियन सी और लाल सागर के ऊपर हवा का कम दबाव वाला क्षेत्र बनता है। इस दबाव के कारण हवा सागर की नमी लेकर आगे बढ़ने लगती हैं। हवा की दिशा जिस तरफ होगी, डिस्टर्बेंस का रुख भी वही होगा। इसी को समझकर मौसम वैज्ञानिक (IMD) वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की भविष्यवाणी करते हैं।