कश्मीरी पंडितो की हत्या और पलायन के खिलाफ जंतर-मंतर पर आयोजित विशाल जन-आक्रोश रैली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 30 साल में दो बार ऐसे मौक़े आए, जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा और इन दोनों ही बार कश्मीर में बीजेपी का शासन था। इसका मतलब ये कि भाजपा से कश्मीर नहीं संभलता है। उन्होंने देशवासियों की तरफ से चार मांगे रखते हुए कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार, देश के सामने कश्मीरी पंडितों और फौज के लोगों के नरसंहार को रोकने का अपना प्लान रखे। कश्मीरी पंडितों के साथ साइन किया गया बांड रद्द किया जाए। उनकी सारी शर्तें मांनी जाएं और सभी को सुरक्षा दी जाए। घाटी में कोई हत्या होने पर केंद्रीय गृहमंत्री उच्च स्तरीय बैठक बुलाते हैं। कितनी मीटिंग करेंगे? अब हर हिन्दुस्तानी एक्शन मांगता है। पाकिस्तान को हमारी चेतावनी है कि ज्यादा हिम्मत मत करो। कश्मीर हमारा है, हमारा था और हमारा ही रहेगा। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की आतंकवादियों ने टारगेट किलिंग की है। इससे पूरा देश बहुत गुस्से में और दुखी है। कश्मीरी पंडित सिर्फ सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन भाजपा की सरकार सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम रही है।
कश्मीरी पंडितो की हत्या और पलायन के खिलाफ आज आम आदमी पार्टी ने जंतर-मंतर पर विशाल जन-आक्रोश रैली आयोजित कर भाजपा की केंद्र सरकार पर हमला बोला। इस जन-आक्रोश रैली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा, ‘आप’ दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय, वरिष्ठ नेता एवं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा, पंजाब के मंत्री हरपाल चीमा और आम आदमी पार्टी के विधायक समेत बड़ी संख्या में पार्टी के वालेंटियर्स मौजूद रहे। सबसे पहले, ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत रैली में मौजूद सभी लोगों ने मारे गए कश्मीरी पंडितों की आत्म शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा।
*पहले 1990 में कश्मीर से कश्मीरी पंडित पलायन किए थे और अब फिर वे कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं- अरविंद केजरीवाल*
जन-आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कश्मीर के अंदर कश्मीरी पंडितों और कश्मीर में रह रहे हिन्दुओं को आतंकवादियों ने चुन-चुन कर टारगेट किलिंग की है। उससे पूरा देश बहुत गुस्से में है और बहुत चिंचित है व दुखी है। आज जंतर-मंतर पर दिल्ली के कोने-कोने से लोग आए हुए हैं। हम लोगों ने एक दिन पहले ही यह संदेश भेजा था कि आज कश्मीरी पंडितों के समर्थन में आक्रोश रैली की जाएगी। इतने कम समय में इतने लोग यहां एकत्र हुए हैं। इसी से यह जाहिर है कि किस तरह से एक-एक भारतवासी के मन में कश्मीर में जो चल रहा है, उसको लेकर गुस्सा और दुख है। कश्मीरी पंडितों को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। आज फिर से कश्मीरी पंडित अपनी जन्मभूमि छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। इससे पहले 1990 में कश्मीर से पलायन किए थे और अब फिर से वे कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। जिंदगी में वही घटना बड़ी दुखद थी, बड़ी मुश्किल से हिम्मत जुटा कर कश्मीरी पंडित अपने घर कश्मीर लौटे थे कि दोबारा अपने मातृभूमि पर फिर से अपना घर बसाएंगे। लेकिन फिर से उन्हें मजबूर होकर अपना घर छोड़कर जाना पड़ रहा है।
*नरसंहार के खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए भी कश्मीरी पंडितों को भाजपा की सरकार अनुमति नहीं दे रही है- अरविंद केजरीवाल*
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया हम लोग बहुत सी वीडियो और तश्वीरें देख रहे हैं कि किस तरह से कश्मीर एयरपोर्ट पर लाइन लगी हुई है। किस तरह से ट्रकों के मालिकों के साथ मोल भाव करते नजर आ रहे हैं। जिसको जो साधन मिल रहा है, उससे वो कश्मीर छोड़कर जाने की कोशिश कर रहा है। जब उनका नर संहार हो रहा है और वो लोग चिंतित और दुखी है और जब वो लोग इसके विरोध में सड़क पर प्रदर्शन करते हैं, तो वहां की मौजूदा भाजपा सरकार उनको प्रदर्शन करने के लिए भी अनुमति नहीं देती है। उनकी कालोनियों के बाहर ताला लगा दिया जाता है। उनको उनकी कालोनियों के अंदर बंद कर दिया जाता है। यह किस तरह का बर्ताव है। ऐसे वक्त जब सरकारों को उनके साथ खड़ा होना चाहिए, ऐसे वक्त जब सारा देश उनके साथ खड़ा है। सरकार अगर अपने ही लोगों के साथ इस तरह से बर्ताव करेगी, तो आदमी का दुख दोगुना हो जाता है। आज भाजपा की सरकार से कश्मीरी पंडित सिर्फ एक ही चीज मांग रहे हैं। वो कह रहे हैं कि हमारी सुरक्षा का इंतजाम करो, जब हमें वापस कश्मीर में लेकर आए थे, तो आपने हमसे सुरक्षा देने का वादा किया था, आपको दोबारा पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन भाजपा की सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम रही है। ऐसा लगता है कि 1990 का दौर वापस आ गया है। एक 1990 का दौर था, जब सारा देश कश्मीर को लेकर चिंतित था और एक आज का दौर है, जब सारा देश कश्मीर को लेकर चिंहित है।
*बहुत हो गई मीटिंग, अब जमीन पर कुछ एक्शन करके दिखाओ, लोग मर रहे हैं- अरविंद केजरीवाल*
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इनके पास कोई योजना नहीं है। जब भी घाटी में कोई हत्या होती है, तो मीडिया में आने लगता है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। कितनी मीटिंग बुलाओगे, अब कश्मीर एक्शन मांगता है। अब हर हिन्दुस्तानी एक्शन मांगता हैं। तुम्हारी मीटिंग बहुत हो गई, तुम्हारे पास प्लान क्या है? वो प्लान देश को बताओ। कल भी मैं मीडिया में देख रहा था कि तीन घटें उच्च स्तरीय मीटिंग चली। तुम्हारी मीटिंग बहुत हो गई, अब जमीन पर कुछ एक्शन करके दिखाओ, लोग मर रहे हैं। हमारे कई सारे कश्मीरी पंडित और कश्मीरी हिन्दु भाई-बहन शहीद हो गए। जिसमें 5 अक्टूबर को माखन लाल बिंद्रू जी का कत्ल कर दिया गया। वे बहुत ही साहसी और हिम्मत वाले व्यक्ति थे। 1990 के दौर में भी माखन लाल जी कश्मीर छोड़कर नहीं गए। वो कश्मीर में ही बसे रहे। वो श्रीनगर में इकबाल पार्क चौक पर अपना मेडिकल स्टोर चलाते थे और बेहद लोकप्रिय थे। सबके सुख-दुख में साथ देते थे। कोई दवा कहीं भले न मिले, लेकिन उनके स्टोर में मिलती थी। आतंकवादियों ने उनका कत्ल कर दिया। 5 अक्टूबर को ही, भेलपूरी की रेहड़ी चलाने वाले विरेंद्र पासवान की गोली मारकर आतंकवादियों ने हत्या कर दी। सात अक्टूबर को शिक्षक सत्येंद्र कौर और दीपक चंद के स्कूल में घुसकर आतंकवादियों ने कत्ल कर दिया। 7 अक्टूबर को ही, कश्मीर में रेहड़ी पटरी चलाने वाले बिहार के रहने वाले अरविंद कुमार साहा का भी कत्ल कर दिया गया। 13 अप्रैल को ड्राइवर सुरेंद्र कुमार सिंह का कत्ल कर दिया गया। 12 मई को तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क राहुल भट्ट का कत्ल कर दिया गया। 17 मई को रंजित सिंह का कत्ल कर दिया गया। 31 मई को शिक्षिका रजनी बाला का कत्ल कर दिया गया और 2 जून को बैंक मैनेजर विजय कुमार का कत्ल कर दिया गया। इसी दौरान कई सारे पुलिस कर्मचारी और सिक्युरिटी के लोग थे। इन लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाकर इनकी रक्षा करने की कोशिश की थी, उनका भी कत्ल कर दिया गया। जिसमें गुलाम हसनदर, मुद्दस रहमत, सैफुल्लादीन कादरी, रियाज अहमद वो पुलिस कर्मचारी हैं, जो अपनी ड्यूटी करते हुए शहीद हो गए। इन सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं।
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज इतने लोगों के शहीद होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी और उनकी सरकार के पास इस कत्लेआम को रोकने के लिए और आतंकवादियों को रोकने के लिए किसी तरह की कोई योजना नहीं है। ये केवल मीटिंग करते जा रहे हैं। कश्मीर में भाजपा पूरी तरह से फेल हो चुकी है। ये न खुद कुछ कर पा रहे हैं और न किसी की सुनते हैं। पिछले 30 साल में दो बार ऐसे मौके आए, जब कश्मीर में भाजपा का शासन था और पिछले 30 साल में दो बार ऐसे मौके आए, जब कश्मीरी पंडित कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हुए। कश्मीर के अंदर जब-जब भाजपा का शासन आता है, तब-तब कश्मीरी पंडित कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हो जाता है। ऐसा क्यों होता है? इसका मतलब है कि भाजपा वालों से कश्मीर संभलता नहीं है। या तो इनकी नीयत में खोंट है या फिर इनको करना नहीं आता है। हम सब रोज देखते हैं कि देश भर में भाजपा को एक ही काम आता है, गंदी राजनीति करना। इनको देश से कोई लेना-देना नहीं है। इनको हिन्दुस्तानियों से कोई लेना -देना नहीं है। इनसे गंदी राजनीति जितनी मर्जी करा लो। आज मैं इनसे हाथ जोड़कर कहता हूं कि कश्मीर के साथ राजनीति मत करो। यह बहुत गलत होगा। मेरे को पता चला है कि 4500 कश्मीरी पंडितों को पीएम रिलीफ फंड के तहत कश्मीर में बसाया गया, उनको नौकरी दी गई। लेकिन उनसे बांड साइन कराया गया कि तुमको काम कश्मीर में ही करना पड़ेगा। अगर तुमने कभी ट्रांसफर मांगी, तो नौकरी से बेदखल कर दिया जाएगा। कश्मीर से बाहर जाकर नौकरी नहीं कर सकते हैं। अगर कश्मीर से बाहर जाकर नौकरी करने की मांग की तो उनको नौकरी से निकाल दिया जाएगा। आज कश्मीरी पंडित इस बांड को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। आज इस मंच से पूरा हिन्दुस्तान मांग करता है कि कश्मीरी पंडितों के साथ तुम लोगों ने यह जो बांड साइन किया है, उसे रद्द करो। कश्मीर पंडित कोई भेड़-बकरी नहीं हैं कि उनको बांड साइन करके तुम बंधुआ मजदूरों की तरह रखोगे। कश्मीरी कहीं पर भी जाकर नौकरी करने के लिए स्वतंत्र है। आज इस तरह के बांड कैसे साइन करा सकते हो। अभी जब कश्मीरी पंडितों ने कहा कि हमारा यहां से ट्रांसफर करो, हमारी जान खतरे में है, तो इन्होंने 177 कश्मीरी पंडितों का कश्मीर में ही एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया और भाजपा वालों ने उसकी पूरी लिस्ट सोशल मीडिया पर डाल दिया। अब ये विचारे कह रहे हैं कि आतंकवादियों को भाजपा एक तरह से न्यौता दे रही है कि कश्मीरी पंडित यहां रह रहा है। यह तो एक तरह से आतंकवादियों को न्यौता देने वाली बात हो गई। सारे कश्मीरी पंडित इस बात के खिलाफ हैं कि ट्रांसफर की लिस्ट लीक क्यों की गई।
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की सरकार से चार मांग की। पहला, भाजपा की केंद्र सरकार पूरे देश के सामने प्लान रखे कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों, कश्मीरी हिन्दुओं और हमारी फौज के लोगों को शहीद होने व उनके नरसंहार को रोकने का आपका क्या प्लान है? उसे आप देश के सामने रखो। पूरा देश जानना चाहता है कि आपके पास कोई प्लान है या नहीं है। दूसरा, कश्मीरी पंडितों के साथ जो बांड साइन किया गया है, उसे रद्द किया जाए। तीसरा, अपनी जिन मांगों को लेकर कश्मीरी पंडित प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी सारी मांग पूरी होनी चाहिए और चौथा, इनको सुरक्षा प्रदान की जाए। अब वहां पर किसी कश्मीरी पंडित का कत्ल नहीं होना चाहिए। इस मंच से मैं आज पाकिस्तान को भी ललकारना चाहता हूं कि ज्यादा हिम्मत मत करो। यह छिछोरी हरकतें मत करो। अगर तुमको लगता है कि इस तरह की हरकतें करके तुम कश्मीर ले लोगो, तो सुन लो। कश्मीर हमारा है, हमारा था और हमारा रहेगा। कश्मीर को कोई भारत से अलग नहीं कर सकता है। एक-एक हिन्दुस्तानी साथ है। पाकिस्तानियों को चुनौती देते हैं। अगर हिन्दुस्तान अपनी पर आ गया, तो फिर पाकिस्तान नहीं बचेगा। आज मैं इस मंच से सारे कश्मीरी पंडित भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी आपके साथ खड़ी है। केवल कश्मीरी पंडित ही नहीं, जम्मू-कश्मीर में रहने वाले एक-एक व्यक्ति से कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी आपके साथ खड़ी है। आपके हर संघर्ष में खड़ी है। आपको न्याय दिलाने के लिए हम हर मुमकिन कदम उठाएंगे। हम तन-मन-धन से आपके साथ खड़े हैं। मैं एक-दो दिन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी से कश्मीर पर चर्चा करने और उनसे समझने के लिए मिलने का समय मांगूंगा कि उनका क्या प्लान है। पूरा हिन्दुस्तान आज कश्मीर के अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा है।
जन आकोश रैली को संबोधित करते हुए ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम सब यहां दो मकसद से यहां एकत्र हुए हैं। पहला, कश्मीर में कश्मीरी भाई-बहन के उपर भाजपा की केंद्र सरकार की लापरवाही और घटिया राजनीति व साजिश की वजह से गोलियां चल रही हैं। उनका कश्मीर में रहना मुश्किल हो गया है। हम उन कश्मीरी भाई-बहनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उनके कंधे से कंधे मिलाकर साथ खड़े हुए हैं कि आप हमारे भाई-बहन हैं। आप पर अगर आंच आती है कि तो दर्द हमें भी होता है। उनके दर्द में शामिल होने के लिए हम यहां एकत्र हुए हैं। दूसरा, गूंगी-बहरी केंद्र सरकार को यह चेतावनी देने के लिए एकत्र हुए हैं कि आप लोग जो यह कश्मीरी पंडितों का नरसंहार करा रहे हो, इसे हिन्दुस्तान बर्दाश्त नहीं करेगा। कश्मीरी पंडितों का नर संहार हिन्दुस्तान सहन नहीं करेगा। वहां के किसी कश्मीरी भाई-बहन को दर्द होता है और उस पर कोई आंच आती है, तो दर्द हमें भी होता है। आज हमारा कश्मीर जल रहा है। कश्मीर में गोलियां चल रही है और हम हिन्दुस्तानियों का दिल अपने कश्मीरी पंडित भाई बहनों के लिए रो रहा है। भाजपा ने कश्मीर को अपनी घटिया राजनीति का अड्डा बना दिया है। विपक्ष में थे, तो हमेशा कश्मीर-कश्मीर चिल्लाते रहे और कहते रहे कि हम सत्ता में आए तो कश्मीर को शांत कर देंगे, कश्मीर को वापस स्वर्ग बना देंगे। आज सात-आठ साल से भाजपा केंद्र की सरकार में है, कश्मीर को शांत करना तो दूर की बात है, भाजपा ने कश्मीर को 30 साल पहले के हालात में पहुंचा दिया है। केंद्र की सत्ता में आए सात-आठ साल हो गए हैं। इतने सालों में भाजपा ने कश्मीर में क्या किया है। कश्मीर के नाम पर वहां की विधानसभा ही भंग कर दी। कश्मीर में बदलाव के नाम पर भाजपा के लोग बोले, हमने विधानसभा भंग कर दी, कश्मीर ठीक हो गया। भाजपा ने कश्मीर में विधानसभा भंग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया, तो अपने को पावर देने के लिए बनाया, कश्मीरियों के कुछ नहीं किया। शांति बहाली की जगह कश्मीर आज अपने 30 साल के पुराने दौर में पहुंच गया है। कश्मीर का नौजवान स्कूल, अस्पताल, रोजगार और व्यापार मांग रहा है और भाजपा उन पर गोलियां चलवा रही है।
जन-आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी दिल्ली के प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा कि कश्मीर में एक बार फिर हत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ है। कुछ दिन पहले देश के अंदर कश्मीरी पंडितों के दर्द का कारोबार करने वाला ब्रिगेड आज मौन क्यों है? आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जी ने दिल्ली विधानसभा में कहा था कि कश्मीरी पंडितों के दर्द को व्यापार मत बनाओ। आज पूरा देश इस बात को देख रहा है कि केंद्र सरकार कश्मीर घाटी में आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर चुनाव को बंद कराया। जिस तरह से पूरी घाटी में चुन-चुन कर हत्याएं हो रही हैं, उससे भयभीत होकर आज लोग विवश होकर घाटी छोड़ रहे हैं, लोग कश्मीर से पलायन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और पूरी भाजपा और तथाकथित हिन्दुवादी ब्रिगेड अब चुप पड़ा है। हमने कल भी कहा था कि कश्मीरी पंडितों के साथ जो ना-इंसाफी हुई है, उनका न्याय मिलना चाहिए। उनके पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए। केंद्र में भाजपा की सरकार के सात साल हो गए हैं। किसी भी मुद्दे पर वोट का व्यापार करना अलग बात है और किसी के दर्द में शामिल होकर उसका समाधान करना अलग बात है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल जी ने विस्थापित होकर दिल्ली में रह रहे कश्मीरी पंडितों की हर संभव मदद की। लोग कहते थे कि भाजपा का राष्ट्रवाद फर्जी है। आज कश्मीर की घटनाओं पर भाजपा की चुप्पी ने यह साबित कर दिया है कि उसका हिन्दुवाद भी फर्जी है। न तुम राष्ट्रवादी हो, न हिन्दुत्वादी हो, न देशभक्त हो, तुम्हें केवल वोट दिखता है। जहां भी वोट दिखता है, वहां नफरत का सौदागर बन कर पहुंच जाते हो। दिल्ली वालों से कहना चाहता हूं कि इस देश के अंदर एक देशभक्त है, जिनका नाम अरविंद केजरीवाल है। हम गालियां सहेंगे, अपमान बर्दाश्त करेंगे, लेकिन इस देश के अंदर किसी भी समाज, धर्म, क्षेत्र और भाषा के लोगों के साथ जब अन्याय होगा, तो हम उस अन्याय के खिलाफ खड़े होंगे। वो अन्याय चाहे, हिन्दुओं के खिलाफ हो, चाहे मुसलमानों के खिलाफ हो, चाहे दलितों के खिलाफ हो या महिलाओं के खिलाफ हो, उसके खिलाफ अरविंद केजरीवाल बोलेंगे। अगर इस देश के साथ गद्दारी होगी, भ्रष्टाचार होगा, तानाशाही होगी, तो अरविंद केजरीवाल बोलेंगे।
वहीं, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के साथ आज कई घटनाएं घटित हो रही हैं। पिछले दिनों कश्मीर की घाटी में आतंकवाद, टारगेट किलिंग, चुन-चुन कर लोगों को मारने की कई घटनाएं हुई हैं। भाजपा के नेता, देश के प्रधानमंत्री, देश के गृहमंत्री और तमाम केंद्रीय मंत्री कश्मीर फाइल्स फिल्म के नाम पर पूरे देश में घड़ियाली आंसू बहा रहे थे। संजय सिंह ने 90 के दशक की याद दिलाते हुए कहा कि 90 के दशक में इसी कश्मीर के अंदर कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हुआ था और सारे कश्मीरी पंडित रातों-रात वहां से भगा दिए गए। जब कश्मीरी पंडित वहां से भगाए गए थे, उस समय भी केंद्र में भाजपा के समर्थन से सरकार चल रही थी। आज 2022 में जब कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हो रही हैं, कश्मीरी पंडित वहां से पलायन कर रहे हैं, उस वक्त भी 56 इंच के सीने वाली मोदी जी की भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में सरकार है। यह भाजपा की सरकार नहीं है, यह राष्ट्रीय संघ की सरकार है। इस सरकार के अंदर 2022 और 1990 के अंदर कश्मीरी पंडितों का नर संहार हुआ और उनको भगाया गया।