तृप्ति रावत/ 28 जुलाई से सावन शुरु होने जा रहा है। सावन के महीने में खूब बारिश होती है और इसी बारिश के कारण पैड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं। प्रकृति के बदलते इस रंग के साथ-साथ महिलाओं का श्रृंगार भी बदल जाता है। सावन के इस महिने में महिलाएं हरे रंग के कपड़े और चुड़ियां पहनती है। लेकिन हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनने की क्या है वजह, चलिए जानते हैं-
सावन आते ही चारो तरफ हरियाली आ जाती है। ये पूरा महिना प्रकृति से खुद को जोड़ने का खास महिना होता है। इसलिए शिव पर जल अर्पित कर खुद को प्रकृति से जोड़ते हैं। इसलिए इस महीने हरा रंग पहनकर भक्तजन खुद को प्रकृति से जोड़ते हैं। जिसका असर उनके भाग्य पर भी होता है।
शास्त्रों मे प्रकृति को ईश्वर का रुप माना गया है और इसलिए उसकी पूजा भी की जाती है। इस पूरे महिने हरा रंग पहनने वाले लोगों पर प्रकृति कि विशेष कृपा होती है। महिलाएं हरे रंग की चूड़िया और सुहाग की चीजें पहनकर प्रकृति से खुद को जोड़ती हैं। और इस तरह उनके सुहाग की सलामती का उन्हें आशीर्वाद मिलता है।
हरा रंग बुद्ध ग्रह का प्रतीक होता है। बुद्ध ग्रह करियर और व्यापार से जुड़ा हुआ है। ऐसे में हरा रंग पहनने से बुद्ध प्रसन्न होते हैं औऱ सुहागिनों के घर में समपन्नता और धन्य-धान्य बढ़ाते हैं। वहीं सावन में हरा रंग पहनने से शिव खासतौर से खुश होते हैं।
भगवान शंकर का प्रकृति से विशेष जुड़ाव है और ऐसे में भक्त जब खुद को प्रकृति के अनुरुप ढाल लेता है तो शिव विशेष रुप से खुश हो जाते हैं और सारी मनोकामनाओं की पूर्ती करते हैं। सावन में हरे रंग की चूड़ियां पहनने पर विष्णु जी भी प्रसन्न होते हैं।
हरे रंग को उपचार का रंग भी माना जाता है। हरा रंग हाई बल्ड प्रेशर और हार्ट की बिमारियों के लिए अच्छा माना जाता है। जिन शादी-शुदा दंपत्तियों के जीवन में अनबन चल रही है। उनके बैडरुम के दक्षिण पूर्व हिस्से में हरे रंग का पेंट करवा देना चाहिए। ऐसा करने से दंपत्ति का जीवन खुशहाल होता है।