शामली में सास को मौत के घाट उतारने वाली एक बहू को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास और 10 हजार रूपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मुकदमें की पैरवी कर रहे मृतका के बेटे और हत्यारोपी महिला के पति सलमान ने कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है।
सास की हत्या की ये घटना शामली जिले के मोहल्ला तैमूरशाह इलाके की है। 23 नवंबर 2016 को मोहल्ला तैमूरशाह निवासी साबरा नाम की महिला की घर में ही हत्या कर दी गई थी। साबरा के बेटे सलमान ने मां की हत्या में अपनी पत्नी शमा परवीन को नामजद कराया था। पुलिस ने विवेचना में आरोपी बहू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। साबरा हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट मुजफ्फरनगर की न्यायधीश मधु गुप्ता की कोर्ट में चल रही थी। वर्ष 2016 में पेश आई हत्या की इस वारदात के मुकदमें में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायधीश ने बहू शमा परवीन को सास साबरा की हत्या का दोषी करार दिया. अदालत ने शमा परवीन को आजीवन कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। बताया जा रहा है कि जेल में बिताए दिन सजा में समायोजित होंगे।
शामली जिले के एएसपी ओपी सिंह ने बताया कि पुलिस का कार्य सिर्फ अभियोग का पंजीकरण कर उसमें चार्जशीट लगाना ही नही है। उन्होंने बताया कि जिले के मॉनीटरिंग सैल द्वारा वर्ष 2016 में शहर कोतवाली क्षेत्र में कारित हुई हत्या की वारदात में प्रभावी पैरवी की गई है। इसी के चलते माननीय एफटीसी न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बहू द्वारा सास को मौत के घाट उतारने की वारदात में मृतका के बेटे सलमान ने अपनी पत्नी शमां परवीन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। सलमान फिलहाल अपने घर पर परचून की दुकान चला रहे हैं।
उनका परिवार इस वारदात को याद कर अभी भी सहम उठता है। मुकदमें की पैरवी कर रहे सलमान ने बताया कि कोर्ट के फैसले के बाद उनका पूरा परिवार खुश है कि उन्हें न्याय मिला है। सलमान का कहना है कि जो जैसा करता है, उसे वैसा ही भरना भी होता है।