शारदा कोर कमेटी की ओर से आयोजित शारदा लिपि पर कार्यशाला में सेव शारदा कमेटी कश्मीर ने भाग पर भाग लिया। शारदा लिपि के संरक्षण के लिए इस कार्य़शाला का आयोजन हरियाणा के फरीदाबाद में किया गया था। कार्यशाला का आयोजन शारदा कोर कमेटी ने किया था।इस कमेटी के लोग शारदा लिपि को बचाने और उसके प्रचार प्रसार के लिए दिन रात काम कर रहे हैं और शारदा लिपि को फैलाने के लिए शिक्षण कक्षाओं के आयोजन शारदा लिपि में प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम कर रहे हैं।कार्यशाला का आयोजन हरियाणा में कश्मीरी पंडित के लिए केंद्र शारिका भवन फरीदाबाद में किया था। जिसमें शारदा अनुयायियों और शिक्षार्थियों की एक बड़ी संख्या ने भाग लिया कार्यशाला में प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ एस एस तोशखानी ने संबोधित किया और शारदा के इतिहास पर कश्मीर में शुरुआती समय से प्रकाश डाला।
। एमआईईएफ के निदेशक डॉ उदय काक्रू ने भी भारत में विभिन्न विश्वविद्यालयों में शारदा प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम की शुरूआत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। अन्य वक्ताओं में ज्योतिषी ओमकार नाथ शास्त्री, आईजीएनसीए के डॉ किर्तीकांत शर्मा, एआईकेएस के कर्नल तेज टिकू, ललित अंबादार, टीवी डेबेटर, और हिरा लाल वांगनू शामिल थे। इस अवसर पर बच्चों ने शारदा लिपि पढ़ने और सीखने के कौशल को को प्रदर्शित किया। शारदा कोर कमेटी शारदा लिपि के एंड्रॉइड एप्लिकेशन के विकास पर काम कर रही है जो देवनागिरी को शारदा लिपि में ट्रांसलेट कर देगी।
शारदा कमेटी कश्मीर (रजिस्टर्ड) ने भी अपने अनुयायियों के साथ इसमें भाग लिया और इसके प्रमुख और संस्थापक रविंदर पंडिता, ने अपने शोध और कार्यों को बारे में बात की। उन्होंने दर्शकों और शंकराचार्य के अनुयायियों को आगामी कुंभ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जो अगले वर्ष जनवरी की शुरुआत में प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। सेव शारदा कमेटी उस वक्त से चर्चा में ऐई जब पीओके में स्थित शारदा पीठ में फूल चढाया और वहाँ मंदिर में माँ शारदा की फोटो लगवाया था।पीओके (एजेके) के नागरिक समाज के माध्यम से मंदिर में शारदा माई की एक तस्वीर स्थापित की गई थी साथ ही इस साल जनवरी में समिति ने शारदा पीठ के संरक्षण पर एजेके की सुप्रीम कोर्ट कएक ऐतिहासिक निर्णय हासिल किया था।