आकाश रंजन: बीते 16 सितंबर को गुजरात के कच्छ इलाके में स्तिथ मुंद्रा बंदरगाह पर दुनिया की सबसे बड़ी ड्रग्स तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 21,000 करोड़ बताई जा रही है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अफगानिस्तान से आयात की गई दो कंटेनर से 3,000 किलो कोकेन और हेरोइन बरामद की है। मामले में चेन्नई से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुंद्रा बंदरगाह का मालिकाना हक अडानी पोर्ट के पास है। अडानी पोर्ट गौतम अडानी की कंपनी है। सूत्रों का कहना है, यह खेप आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में आशी ट्रेडिंग कंपनी द्वारा आयात की गई थी और इसे टेल्कम पाउडर बताया गया था।
डीआरआई को सूचना मिली थी कि अफगानिस्तान से ड्रग्स की एक बड़ी खेप भारत आ रही है। डीआरआई ने कार्रवाई के दौरान दो कंटेनर जब्त किए और नमूनों को जांच के लिए भेजा, जिसमें हेरोइन की पुष्टि हुई। मामले में अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, गांधीधाम और गुजरात के मांडवी में तलाशी अभियान चलाया गया था। डीआरआई की टीम ने इस मामले में आशी ट्रेडिंग कंपनी के संचालक एम सुधाकर और उनकी पत्नी दुर्गा वैशाली को कुछ दिन पहले चेन्नई से गिरफ्तार किया और उन्हें भुज लेकर आई। सोमवार को दोनों को विशेष अदालत में पेश किया गया।
डीआरआई अधिकारी के अनुसार अडानी के मुंद्रा बंदरगाह पर जब्त हेरोइन दिल्ली पहुंचने के लिए थी।
21,000 करोड़ की ड्रग्स से पहले 70,000 करोड़ कि ड्रग्स की सप्लाई हुई है
नाव की जब्ती के बाद 7 लोगो को हिरासत में लिया गया था जिनसे पूछ ताछ से पता चला कि इसी साल जून के महीने में भी यह नाव भारत में आ चुकी है। पुलिस की कड़ी पूछ ताछ के बाद उन्होंने खुलासा किया, विजयवाड़ा स्तिथ आशी ट्रेडिंग कंपनी के लिए जैसे इस बार 3 टन माल आया है वैसे ही 25 टन माल जून में सप्लाई की जा चुकी है। 25 टन माल की कीमत 70000 करोड़ के आस पास बताई जा रही है।
पुरे मामले पर अडानी समूह का क्या कहना है
अडानी समूह ने कहा, अडानी पोर्ट्स केवल मुंद्रा बंदरगाह का संचालन करती है। हमारे पास मुंद्रा बंदरगाह के टर्मिनलों से पार होने वाले कंटेनरों या कार्गो को लेकर कोई पुलिसिया अधिकार मौजूद नहीं है। कानून ने किसी भी गैरकानूनी कार्गो को खोलने, जांचने और जब्त करने का अधिकार डीआरआई को दिया हुआ है। देश में कोई भी बंदरगाह संचालक कंटेनर को नहीं जांच सकता।