प्ले स्कूल, एक ऐसी जगह जो छोटे बच्चों के विकास का मुख्य केंद्र होता है…. ऐसा माना जाता है कि कक्षा एक में सीधे पहुंचने पर बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा की नींव कमजोर होती है… ये ही वजह है कि प्राइवेट सेक्टर के तमाम प्ले स्कूल बच्चों की शुरुआती शिक्षा को इस तरह मजबूत कर देते हैं, कि उन्हें कक्षा एक या प्राइमरी स्कूल में जाने के दौरान समस्या नहीं होती है…. आज के समय में प्ले स्कूल का दायरा काफी बढ़ता जा रहा है…. इसी को देखते हुए यूपी की योगी सरकार ने नया आदेश जारी करने की तैयारी में है…. उत्तर प्रदेश सरकार अब प्री- प्राइमरी कक्षाओं वाले स्कूलों को चलाने की परमिशन तभी देगी जब वह सरकार से इसके लिए बकायदा मान्यता प्राप्त कर लेंगे… इसके लिए सरकार बहुत जल्द मान्यता के नियम तय करने जा रही है… यूपी सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में 1 लाख 80 हजार सरकारी आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री- प्राइमरी शिक्षा की शुरुआत की जाएगी….
आपको बता दें कि शहरों में चलने वाले प्ले स्कूल अगर सीबीएसई या आईसीएसई के स्कूलों से संलग्न हैं तो बोर्ड के नियमों का पालन होता है… लेकिन जो प्ले स्कूल अलग से चलाए जा रहे हैं.. वहां मनमानी होती है… सबका सिलेबस भी अलग-अलग होता है… ऐसे में अब नई शिक्षा नीति में प्री-प्राइमरी को प्राथमिक शिक्षा में जोड़ने से प्ले स्कूलों पर भी कंट्रोल किया जा सकेगा…
ऐसा माना जा रहा है कि मान्यता के नियम तय होने के बाद संस्थाएं एक या दो कमरों में प्ले स्कूल नहीं चला सकेंगी। इसके लिए सुविधाओं, सुरक्षा के मानक तय होंगे। इससे स्कूलों पर सरकार नकेल कस पाएगी। स्कूल मानकों के मुताबिक होंगे, सबका एक जैसा ही सिलेबस होगा…
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार के इस फैसले से बच्चों की शिक्षा में और बेहतरी देखी जा सकेगी….