
लखनऊ, 20 जनवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल इस वर्ष गणतन्त्र दिवस परेड में ‘परमपिता है एक, विश्व परिवार हमारा है’ विषयक अनूठी झाँकी प्रदर्शित करने जा रहा है। सी.एम.एस. की यह झाँकी जनमानस के बीच एकता, शान्ति और सौहार्द के विचारों को प्रवाहित करेगी ही, साथ ही भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य हेतु विश्व समाज को सुन्दर एवं सुरक्षित बनाने का आह्वान करेगी। यह झाँकी लगभग बनकर तैयार हो चुकी है, जिसे आज यहाँ सी.एम.एस. कानपुर रोड परिसर पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को दिखाया गया। इस अवसर पर सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने झाँकी के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि गणतन्त्र दिवस परेड में यह झाँकी ‘सर्वधर्म समभाव’, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ एवं ‘जय जगत’ की भावना के अनुरूप मानव मात्र से प्रेम करने की प्रेरणा देगी एवं प्रेम, प्यार, सहयोग, सौहार्द व भाईचारा से ओतप्रोत विश्व व्यवस्था का आह्वान करेगी। इसअवसर पर सी.एम.एस. छात्राओं ने झाँकी गीत ‘परमपिता है एक, विश्व परिवार हमारा है, सारे जग में गूँज उठे, जय जगत का नारा है’ पर मनभावन नृत्य प्रस्तुतिकरण से सभी का मन मोह लिया।
झाँकी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए प्रो. किंगडन ने बताया कि सी.एम.एस. की झाँकी चार भागों में हैं और सभी भाग अनूठे ढंग से ‘विश्व एक परिवार’ का संदेश दे रहे हैं। प्रथम भाग में एक ग्लोब के ऊपर प्रभु श्री राम, महात्मा बुद्ध, ईसा मसीह, मोहम्मद साहब, गुरू नानक देव एवं बहाउल्लाह आदि विभिन्न धर्मावतारों को प्रदर्शित करते हुए संदेश दिया गया है कि सभी धर्मों का स्रोत एक ही परमपिता परमात्मा है। झाँकी के द्वितीय भाग मंे अनेकता में एकता प्रदर्शित करते हुए एक ही छत के नीचे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा, बौद्ध विहार, बहाई मन्दिर आदि विभिन्न पूजा स्थल दिखाये गये हैं। झाँकी के अंतिम भाग में एक बच्चे को ग्लोब उठाये हुए ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश देते हुए दिखाया गया है। यह भाग संदेश दे रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य-4 (एस.डी.जी.-4) के अनुसार छात्रों को विश्व नागरिकता की शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए।