पूनम तिवारी। देश में कोरोना दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहा है और अभी तक भारत में संक्रमण के मामले बढ़कर 38 लाख के पार हो गई है, जिनमें से 29,70,493 लोगों के उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं। देखा जाए तो मरीजों के ठीक होने की प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन इसी दौरान एक और नई तरह की परेशानी आ गई है। माना जा रहा है कि इसी वजह से कोरोना से अधिक लोगों की मौत हो रही है।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के मुताबिक कोरोना वायरस से हो रही मौत को एक अलग तरह से जांच की जा रही है। इसका नाम हाइपोक्सिया (Hypoxia) है.
आखिर क्या है हाइपोक्सिया (Hypoxia)
हाइपोक्सिया की बात की जाए तो यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें शरीर या शरीर के किसी खास हिस्से को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के मुताबिक, इसमें मरीजों को कोरोना होने के बारे में पता ही नहीं चलता है और जब पता चलता है कि उन्हें कोरोना है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। अभी तक देखा गया है कि कोरोना से मरने वाले अधिकांश रोगियों में ऐसी स्थिति पाई गई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना के मामले 38,53,406 के पार हो गई है और मृतकों की संख्या 67,376 के पार हो गई। मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 77.09 प्रतिशत हो गई है और मृत्यु दर गिरकर 1.75 प्रतिशत हो गई।