सन्तोषसिंह नेगी / चमोली में स्थित बद्रीधाम के कपाट कल मंगलवार को दोपहर बाद 3.21 बजे विधि-विधान के साथ कपाट बंद किए गये । इससे पूर्व, भगवान नारायण के सखा उद्धव जी के विग्रह को भगवान के सानिध्य में गर्भगृह से बाहर लाया गया और मां लक्ष्मी के विग्रह को भगवान के निकट विराजमान किया गया
पौराणिक मान्यता के अनुसार कपाट बंद होने से पूर्व भगवान नारायण को ऊन का लबादा ओढ़ाया जाएगा। लबादे पर गाय के घी का लेपन किया जाता है। कपाट खुलने के दिन इस कंबल को ही यात्रियों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।कपाट बंद होने के बाद भगवान के प्रतिनिधि माने जाने वाले भगवान उद्धव की मूर्ति को पांडुकेश्वर के लिए डोली द्वारा रवाना किया गया। पांडुकेश्वर में ही विग्रह रूप में उद्घव पूजा कर भगवान बद्रीनाथ को प्रसन्न करने का चलन है।
श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने बताया कि इस बार बद्रीनाथ थाम में दस लाख छियालीस हजार पांच सौ पचास यात्रियों ने भगवान बद्रीनाथ के दर्शन किये इस अवसर पर बाबा रामदेव भाजपा से अजय भट्ट , मंदिर समिति के साथ हजारों भक्त मौजूद थे