सुधांशु पुरी/अभिषेक श्रीवास्तवसीतापुर। उत्तर प्रदेश सरकार भले ही किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं लागू कर दें और अधिकारियों को दिशा निर्देश देती रहे लेकिन सीतापुर के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है ।
सीतापुर के कई गांव में करीब 10 वर्षों से नहरों में पानी नहीं आया है जिसकी वजह से वह खेती नहीं कर पा रहे हैं ।
मामला सीतापुर के खैराबाद इलाके का है ।सीतापुर से राजधानी लखनऊ की ओर जाने पर खैराबाद टोल टैक्स से जो रास्ता बिसवां रोड की तरफ जाता है ।उस सड़क के किनारे नहर बनी हुई है जो कि मौके पर देखने से ही लग रहा है कि सालों से नहर की सफाई नहीं हुई है ना ही नहर में कभी पानी आया है।
यदि हम बात करें इस नहर के इर्द-गिर्द ग्राम सभाओं की तो इसके अंतर्गत खैराबाद ब्लॉक की टकपूर्वा, मिर्जापुर,असोडर कई गांव बसे हुए हैं जो कि इस नहर में पानी आने से यहां के किसान आसानी से अपनी जमीनों पर खेती कर सकते हैं लेकिन वे बीते एक दशक से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं और बेहद परेशान हैं। आलम तो यह है कि इन ग्राम सभाओं और गांव में रहने वाले हजारों लोग धान की फसल उगाना ही बंद कर दिए हैं और नहर के किनारे किनारे जो आम के बगीचे लगे हुए हैं वह भी सूख रहे हैं । मामले में हमने टकपुरवा गांव के कुछ किसानों से बात करें तो उनका कहना था कि इस नहर में बीते करीब 10 वर्षों से पानी नहीं आया है, जिसकी वजह से हम लोग बेहद परेशान हैं इस कई किलोमीटर लंबी नहर के किनारे करीब 2 बीघे में ही धान की खेती हो रही है बाकी किसान परेशान हालत में घूम रहे हैं।
उनका कहना है कि इस नहर में ना तो कभी सफाई हुई और ना ही कभी कोई झांकने आया। कई बार शिकायत करने के बावजूद सिंचाई विभाग के अफसर सुनने का नाम नहीं ले रहे हैं वहीं लोगों का यह भी कहना है कि पानी ना आने से सैकड़ों बीघा फसल हमारी नष्ट हो चुकी है ।
जब इस मामले में हमने सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर मोहन श्रीवास्तव से बात करी तो उनका कहना था कि गांव वालों की यह बात गलत है पिछले साल ही पानी आया था इस बार पानी नहीं आ सका क्योंकि सिल्ट की सफाई का पैसा बहुत कम आता है और यह नहर करीब 51 किलोमीटर लंबी है जल्दी इसकी योजना तैयार की जा रही है इस पर कार्य किया जाएगा