नई दिल्ली – 18 दिसंबर 2018 – चित्रकला आज भी लोगों के दिल को छू लेती है और दिल को छू लेनी वाली इस पेंटिंग ने लार्जेस्ट वरली पेंटिंग से विश्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया और भारत के इतिहास को जीवत रखा।इस पेंटिंग की थीम ‘Tribal Culture of India’ थी । पेंटिंग की लम्बाई 64 फिट और चौड़ाई 7.5 है जो की 98 घंटो में बनाई गई है। बिहार की रहने वाली डॉ छाया कुमारी जो की डेंटिस्ट है इन्होने भारत की इस कला को समझते हुए और इससे कलाकृतियों से दर्शाते हुए अपना नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज किया। वरली पेंटिंग में संकल्पना को दर्शाते हुए इसमें कुकिंग, क्लीनिंग,स्वीपिंग,प्लेइंग इंस्ट्रूमेंट्स , डांसिंग ,फार्मिंग , कटाई इत्यादि को दर्शया गया है ।डॉ छाया कुमारी डेन्सिट के साथ साथ पेंटिंग का शोक भी रखती है वरली, मधुबन ,गोंडा , कलमकार ,तंजोर इत्यादि जैसी पेंटिंग भी करती है! इसे पहले डॉ छाया कुमारी ने मधुबन पेंटिंग से भी अपनी कला को दर्शाया है इस पेंटिंग की लम्बाई 15 फिट और चौड़ाई 6 फिट है जिसको इन्होने 95 घंटो में बनाया है ! डॉ छाया कुमारी का कहना है की उन्हें इसकी प्रेरणा अपनी माताजी श्रीमती बिमल झा से मिली है! और साथ ही उनका कहना है उनका मकसद अपने देश की संस्कृति को उजागर करना है, और इसके साथ ही इसको बढ़ावा देना है ताकि आने वाली पीढ़ी को इससे अवगत कराया जा सके।
- 64 फिट लम्बी और 7.5 चौड़ी वरली पेंटिंग
- भारत की संस्कति को कलाकृतियों से दर्शाया गया
- 98 घंटो में बनी लार्जेस्ट वरली पेंटिंग
वरली क्या है ? – महाराष्ट्र में आज भी वरली जाती के आदि वासिओ का वास है ये जाती आज भी पाई जाती है। वरली कलाकृतियाँ को विवाह के समय बनाने का विशेष महत्व आज भी माना जाता है इन्हें शुभ माना जाता है और यह माना जाता है की इसके बिना विवाह अधूरा है! प्रकृति की प्रेमी यह जनजाति अपना प्रकृतिप्रेम वरली कला में बड़ी गहराई और काफी अच्छी तरह से दर्शाती है।