नई दिल्ली – ज़िन्दगी में रोगो को अगर कविताओं में दर्शाया जाये तो ज़िन्दगी के आधे गम तो यूँही कम हो जायँगे! हाल ही में हमीरपुर उप्र, में जन्मे डॉक्टर सुभाष चंद्र गुरुदेव जी ने मेडिकल विषय (चिकित्सा) पर हिंदी कविता मे पुस्तक लिख एक नया रिकॉर्ड कायम किया। “स्वस्थ्य संहिता” नामक पुस्तक से अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स मे दर्ज कराया । 125 रोगों को कविता के माध्यम से दर्शाया गया है लखनऊ के एक कवि समेल्लन मे डॉक्टर सुभाष चंद्र गुरुदेव जी को इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स तथा एशिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स से सम्मानित किया! डॉक्टर सुभाष जी ने कविता और साहित्य को ध्यान में रखते हुए रोगो से संबंधित खास उन जानकारी को बताना चाहा है जिनसे जन साधारण का ज्ञान बढ़ सके! इस पुस्तक मे कुछ पंक्तिओ को इस प्रकार दर्शाया गया है :
भ्रूण हत्या – स्त्री पुरुष दोनों ही तो , गाड़ी को कंधो पर ढोते है!
जागरूकता के आभाव में,चंद बीज जहरों के बोते!!
मधुमेह – हावी जब हो जाती है कटुता , घटता जाये सनेह!
ज्यों अंदर अंदर काटता, मानव को मधुमेह !
कैंसर – यह मालिक अपनी मर्जी का, सिर चढ़कर चिल्लाया करता!
यदि अपनी पे आजाये तो, रूप हज़ार बनाया करता!
होमोफिलिया – मानव जन्म हुआ करता है, स्त्री और पुरष के मिलन से!
विज्ञानं कहे ये एक्स – वाई , गुण सूत्रों के सही मिलन से!!
पुरष के एक्स – वाई सूत्र , महिला में एक्स – एक्स होते है!
विषम परिस्थितियों के पड़ने से , रोग भी अनुवांशिक होते है!!