जालौन के उरई के मोहल्ला पटेल नगर में मंगलवार की रात दबंगों की धमकी से परेशान सेवानिवृत्त दारोगा ने आत्महत्या कर ली। सेवानिवृत्त दारोगा ने खुद को गोली से उड़ा दिया। घटना को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है और पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। दबंगों द्वारा बेटों को पीटने पर तहरीर दिए जाने के बाद भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था, जिससे वह खासा आहत हो गए थे।
उरई के पटेल नगर मोहल्ला में ठंडेश्वरी मंदिर के पास रहने वाले श्याम चरण द्विवेदी 8 दिसंबर 2020 को कानपुर नगर से दारोगा पद सेवानिवृत्त हुए थे। आरोप है कि दो दिन पहले उनके पुत्रों विजय व अजय का जेके हाउस के पास रहने वाले जीतू पंडित, रत्नेश, टाइगर पंडित, उज्जवल पाल, निखिल पटेल से झगड़ा हो गया। आरोपितों ने दोनों के साथ मारपीट की थी, जिसपर श्यामाचरण मुकदमा लिखवाने के लिए कोतवाली गए थे लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इससे आहत होकर श्यामाचरण घर लौट गए थे लेकिन मंगलवार रात आरोपितों ने उनके घर आकर धमकी दी। इसके बाद आहत श्यामाचरण ने अपनी लाइसेंसी रायफल से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की।
श्यामाचरण की मौत पर बिलखते हुए पत्नी दर्शन देवी, पुत्र विजय व अजय कह रहे थे कि पुलिस ने दबंगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली होती तो पिता जिंदा हाेते। स्वजन के आरोप के आधार पर पुलिस ने आरोपित सात लोगों पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीओ सिटी संतोष कुमार का कहना है कि आरोपितों की तलाश की जा रही है, जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।