आजमगढ़ लोकदायित्व संस्था द्वारा आयोजित मूल सरयू नदी बचाओ आंदोलन के एक साल पूरे होने पर भैरव बाबा धाम महराजगंज में आयोजित वृक्षारोपण एक संस्कार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बोलते हुए पर्यावरणविद सन्तोष कुमार बाजपेयी ने कहा पौधे तो जन्म दिन शादी के अवसर पर शुभ दिनो पर अवस्य लगाना चाहिए श्री बाजपेयी ने छोटी नदियों के खोते अस्तित्व पर चिंता जाहिर करते हुए युवाओं को आगे आने का आवाहन किया उन्होंने कहा कि नदियों के साथ साथ कुओं का अस्तित्व भी खतरे में है जो कुएं बचें है बिष कुएं उनका पानी आसपास का जल बिषैला बना रहे हैं हर गाँव में कम से कम दो कुएं संरक्षित करने की जरूरत है जिससे हमारे हिन्दू समाज शादी में होने वाली पूजाओ पर खतरा पैदा न हो जाए। जीवन बचाओ आंदोलन के प्रमुख पर्यावरणविद सन्तोष कुमार बाजपेयी को पर्यावरण संरक्षण के लिए किये गये कार्यो के लिए पर्यावरण गौरव सम्मान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ राम औतार शर्मा चेयरमैन रामायण सरकिट भारत सरकार नयी दिल्ली ने प्रदान किया। श्री बाजपेयी नैनी आई टी आई प्रयागराज में सहायक बिधि अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। जीवन बचाओ आंदोलन के माध्यम से 5 जल, जमीन, जंगल, जलवायु, जनसंख्या के साथ देश के प्रत्येक ग्राम पंचायत में संस्कार स्मृति वाटिका के लिए प्रयासरत हैं। अपनी शादी 30 जून 2001 से परिणय पौध की शुरुआत की आज इस परिणय पौध आम के पौध को वर कन्या अपनी शादी में लगाना चाहते है।
सन्तोष कुमार बाजपेयी पर्यावरण संवर्द्धन के क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से समर्पित हैं। इनके द्बारा पर्यावरण के लिए कार्य देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहें हैं। जल संरक्षण के लिए जल प्रहरी सम्मान पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 2002 का इन्द्रा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।