सन्तोषसिंह नेगी / चमोली मे बच्चों को कुपोषण से मुक्त रखने तथा रक्त की कमी की समस्या को दूर के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर बच्चों को पेट में कीडा मारने की दवा एलबेंडाजोल की गोली खिलायी गयी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर राइका माणा घिंघराण में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पाण्डे तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी तृप्ति बहुगुणा ने छात्र-छात्राओं को पेट के कीड़े मारने वाली दवा खिलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 1 लाख, 25 हजार बच्चों को कृमि नाशक दवा एलबेडाजोल खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिलाधिकारी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पेट के कीडों़ से बच्चों की सुरक्षा जरूरी है। पेट में कीड़े होने के कारण ना तो बच्चे का संपूर्ण शारीरिक विकास हो पाता है और ना ही मानसिक। बच्चों में कुपोषण व खून की कमी की समस्या अक्सर आती है, जिसका एक कारण पेट के कीड़े भी हो सकते है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी, निजी स्कूलों, आंगनबाडी केन्द्रों तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क एलबेंडाजोल गोलियां उपलब्ध करायी गयी है। जिलाधिकारी ने स्वयं एलबेंडाजोल की दवा खाकर बच्चों से कहा कि इससे कोई साईड इफेक्टस नही होते है।
मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे ने बच्चों को भविष्य बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए खूब मेहनत करने, स्वच्छता के प्रति सजग रहने तथा अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करने को कहा। उन्होंने बच्चों से खाना-खाने से पहले एवं शौच के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथों को साफ धोने की बात कही
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 तृप्ति बहुगुणा एवं डीपीओ दीपक खण्डूडी ने कृमि नाशक दवा के संबध में जानकारी देते हुए कहा कि खून की कमी, कुपोषण, कमजोरी व बैचेनी, पेट में दर्द, उल्टी, भूख न लगना, थकान, वजन में कमी आदि कृमि संक्रमण के लक्षण है। बच्चों में कृमि नियंन्त्रण से पोषण स्तर एवं खून की कमी में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली चबा कर खाना है। डीपीओ ने कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी विकासखण्डों में टीमें गठित की गयी है। कहा कि यदि कोई बच्चा किसी कारणवश 08 फरवरी को दवा लेने से वंचित रह जाता है तो उसे 14 फरवरी (माॅप अप) दिवस को दवा खिलायी जायेगी। स्कूलों में यह दवा 6-19 साल के सभी बच्चों को अध्यापकों द्वारा खिलायी जायेगी, जबकि आंगनबाडी केन्द्रों में 1-5 साल के सभी पंजीकृत और गैर पंजीकृत बच्चों को एएनएम, आशा व आंगनबाडी कार्यकत्रीयों द्वारा खिलायी जायेगी।
इस अवसर पर एसीएमओ डा0 चैहान, डीईओ (मा0) आशुतोश भण्डारी, डीईओ बेसिक नरेश कुमार हल्दियानी, खण्ड शिक्षा अधिकारी दर्शन लाल टम्टा, प्रधानाचार्य जेएल रडवाल, डीएसटीओ आनंद सिंह जंगपांगी, युवा कल्याण अधिकारी अभिनाश दीपक, आईसी उदय रावत आदि सहित ऐकेडमी के छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।