
पापा का स्पर्श,काश ! उस दिन ज्यादा बात कर लेता
June 16, 2018घोंतू ! हां यही नाम था उनका। बचपन में हमेशा गले से घर्र-घर्र की आवाज जो करते थे। सेहत ऐसी की गोद लेने में दम फूल जाए। अपने नाना के घर गए तो नाना ने घर से बाहर खेलने पर रोक लगा…
घोंतू ! हां यही नाम था उनका। बचपन में हमेशा गले से घर्र-घर्र की आवाज जो करते थे। सेहत ऐसी की गोद लेने में दम फूल जाए। अपने नाना के घर गए तो नाना ने घर से बाहर खेलने पर रोक लगा…