तृप्ति रावत/ बारिश का मौसम आ चुका है। हर कोई बारिश में भिगना चाहता है और पानी की बूंदो के साथ खेलना चाहता है। लेकिन ये झमाझम बारिश की वजह से न केवल आपकी डेली लाइफ पर बल्कि आपकी त्वचा पर भी गहरा असर पड़ता है। हम सभी को मालूम है कि बारिश के वक्त हवा में नमी बढ़ जाती है और टेम्परेचर कम हो जाता है। कम टेम्परेचर के चलते आपके शरीर में कम पसीना आता है। पसीना हमारे शरीर में से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। जाहिर सी बात है की कम पसीना आना यानी कि टॉक्सिन का कम बाहर निकलना। इसी के चलते शरीर में टॉक्सिन वेस्ट की मात्रा ज्यादा रहती है।
उमस के कारण बैक्टीरिया की ग्रोथ दोगुनी हो जाती है और हमारी त्वचा पर जमा हुआ वेस्ट बैक्टीरिया के ग्रोथ की मात्रा अधिक हो जाती है। इसी के कारण मॉनसून में लोगों की त्वचा पर खुजली और रैशिज हो जाते हैं। बहुत ही कम लोगों को पता होगा की बैक्टिरियल इंफेक्शन मॉनसून में ज्यादातर गीली त्वचा पर होता है जैसे कि अंडर आर्म्स, उंगलियां, पैर। ज्यादातर जो लोग रोजाना जूते पहनते हैं और बारिश में भीग जाते हैं उन लोगों को इस इंफेक्शन का खतरा ज्यादा बना रहता है।
त्वचा का रखे खास ख्याल
यदि आप अपनी त्वचा को बारिश में होने वाली नमी से बचाना चाहते हैं तो अपनी त्वचा पर टोनर का इस्तेमाल जरुर करें। ऐसा करने से स्कीन का पीएच बैलेंस सही रहता और हमेशा ग्लोइंग स्किन बरकरार रहता है। हालांकि उमस त्वचा को रूखा-सूखा बना सकती है। इसलिए रोजाना अपना मुंह धोने के बाद एक मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल जरुर करें। ऑइली स्कीन के लिए वाटर बेस्ड मॉइस्चराइजर काफी लाभदायक होगा। सूरज हो या न हो हमेशा अच्छे SPF वाले क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि बादल हो या न हो UV रेज हमेशा ही मौजूद रहती है।
स्किन पर डेड सेल्स के कारण आपकी स्किन में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आप हफ्ते में दो बार एक्सफोलिएट जरूर करें। अपने आप को हायड्रेटेड रखें। दिनभर में तकरीबन 8 गिलास पानी जरूर पिएं। उमस में ज्यादा कंडिशनर का प्रयोग ना करें। हफ्ते में दो ही बार अपने बालों को कंडिशन करें। मॉनसून में आर्टिफिशियल जवैलरी का प्रयोग ना करें, वो भी तब जब आपकी त्वचा सेंसटिव हो। हवा में मौजूद मॉइस्चर आपकी त्वचा पर इंफेक्शन कर सकता है। कोशिश यही करना चाहिए कि अपने किचन में मौजूद इंग्रिडियेंट का प्रयोग कर फेसपैक लगाएं। नेचुरल चीजें त्वचा का ख्याल अच्छे से रखती हैं।
बात करें हर्बल टी की तो हर्बल टी पीना न केवल मॉनसून के मौसम में ही अच्छा होता है बल्कि बाकी मौसम में भी फायदेमंद है। हर्बल-टी में एक्सट्रा फ्लेवर के लिए अदरक, काली मिर्ज और शहद का भी इस्तेमाल कर सकते है। इस मौसम में चूंकि पानी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने के आसार ज्यादा होते हैं। इसलिए आपको या तो प्योरिफाइड और शुद्ध पानी या फिर उबला हुआ ठंडा पानी पीना चाहिए। जिससे पानी से होने वाली कई तरह की बीमारियों के आसार कम हो जाते हैं।
अच्छे फैट वाला खाएं खाना- अच्छे फैट वाला खाना आपकी स्किन को रिपेयर करने में मदद करता है और लॉस्ट मॉइस्चर को रीस्टोर करता है।
अपने पैरों को लेने दें सांस- बंद जूते पहनने से आपके पैरों में पसीना आता है और ये बैक्टिरिया की ग्रोथ को हैल्प करता है। इसलिए मॉनसून में चप्पल और फ्लोटर्स जैसे फुटवेयर पहनें।
बारिश में न करें ये काम
बहुत से लोग बारिश में भीगने के बाद गर्म पानी में नहाने लगते हैं। लेकिन गलती से भी गर्म पानी से न नहाएं। गर्म पानी से नहाने के कारण आपकी स्किन वीक हो जाएगी और स्किन को डैमेज करेगी। जल्दबाजी में स्किन को क्लीन न करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप बैक्टीरिया को हटाने की जगह उसे इन्वाईट करेंगे। ऐसा करने से आपकी स्किन पर ब्रेक आउट हो सकता है।
घर के बाहर पानी न भरने दें– घर के बाहर बारिश का पानी भर जाता है तो पानी को बिल्कुल भी भरने नही देना चाहिए। पानी भर जाने से मच्छर उसमें अंडे देते है और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं।
स्ट्रीट फूड को करें अवॉयड
हालांकि बारिश में समोसा, पकौड़े, चाट जैसी चीजें बहुत पसंद आती हैं, लेकिन इस मौसम के दौरान स्ट्रीट फूड से पूरी तरह से बचना चाहिए. बारिश के मौसम में सड़क पर पानी भर जाने से वहीं बनने वाले स्ट्रीट फूड में कीटाणु पैदा होने की आशंका बहुत बढ़ जाती है। अगर बाहर खाना है तो खाते समय सावधान रहें। कोशिश करें कि आप जिस स्थान पर खाना खाने जा रहे हैं वह साफ सुथरा हो। लहसुन, हींग, अदरक आदि का प्रयोग आप खुल कर सकते हैं। वहीं सब्जियों में गोभी, आलू भिन्डी और राजमा का जितना हो सके सेवन करने से बचें।