21 जून को विश्व योग दिवस है योगा भारत की देन है और विश्व योग दिवस मनाने का श्रेय हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को जाता है। योग वैसै तो स्वास्थ के लिए हर दिन करना चाहिए लेकिन किसी ख़ास परिस्थिति में योगा कैसे करना है इसकी जानकारी आप योग सिखाने वाले किसी माहिर व्यक्ति से ले सकते हैं वैसे हम आज आपको बताएंगे कि जब महिलाएं प्रेगनेंट हों तो उन 9 महीनों के दौरान किस तरह से योग किया जाए और कौन कौन से आसन किए जाएं जो पेट में पल रहे बच्चे और माँ दोनों के लिए लाभप्रद हो। प्रेगनेंसी में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने में योगा अहम भूमिका निभाता है। वहीं प्रेग्नेंसी के दिनों में भी योगा स्वास्थ्य के लिए महत्तवपूर्ण हैं। आपको बता दें कि योगा के ऐसे कई आसन है जो प्रेग्नेंसी के दौरान करने पर आप फिट रह सकते हैं। प्रेग्नेंसी में अगर ये 7 योगा नियमित रुप से किया जाए तो नौ महीने आसानी से बीत जाएंगे। आइए आपको प्रेग्नेंसी में किए जाने वाले योगा के बारे में बताते हैं-
1-वक्रासन(ट्विस्टेड पोज): यह आसन करने के लिए पैर सामने की तरफ फैलाकर, कमर सीधे करके बैठ जाएं, सांस ले और कंधे तक हाथ उठाये। सांस छोड़ते हुए हाथ और कमर को साथ- साथ दायीं तरफ मोड़ें। घुटने को बिना मोड़ें हाथ पीछे की तरफ जितना हो सके उतना मोड़ें। सांस ले और दोबारा से पहले की अवस्था में आ जाए। ध्यान रहे की आपके हाथ बराबर हो। दूसरी तरफ से भी यही प्रक्रिया दोहराए।
फायदा: इस आसन से आपकी रीढ़ की हड्डियां, पैर, हाथ और गर्दन का व्यायाम होगा इसके साथ-साथ आपके पेट के आस-पास के सारे अंगों की भी मसाज हो जाएगी।
2-उत्कटासना(चेयर पोज): दोनों पैरों के बीच 12 इंच की दूरी बनाते हुए सीधे खड़े हो जाएं। ध्यान रहे की दोनों पैर एक दूसरे के बराबर हों। दो सेकेंड के लिए सांस अन्दर लें और दोनों हाथों को कंधे के बराबर सीधे तरफ रखें। धीरे-धीरे सांस छोड़ें और घुटनों को मोड़ते हुए कुर्सी की पोज बनायें। सम्भव हो तो शरीर का बल पैरों के पंजे पर टिकाएं। धीरे-धीर खड़ें हो। शरीर का बल पैरों के पंजे पर ही टिकाये रखें। सांस छोड़ें और धीरे-धीरे हाथ और पंजे को साथ-साथ नीचे की तरफ ले जाएं।
फायदा: यह व्यायाम पेट के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करता है। प्रेग्नेंसी के लिहाज से पेट और नीचे का हिस्सा मजबूत होना चाहिए। इससे बच्चे के जन्म के समय ज्यादा परेशानी नहीं होती है।
3-कोणासन(एंगल पोज): दोनों पैरों के बीच 24 इंच की दूरी बनाते हुए सीधे खड़े हो जाएं। आप इस आसन को दीवार की मदद से भी कर सकती हैं। कोहनी को सीधे रखते हुए दायें हाथ को ऊपर की तरफ उठाएं। ध्यान रहे की हाथ कान के नजदीक हो। सांस छोड़ते हुए दायें तरफ शरीर को झुकाएं। सांस लेते हुए खड़े हों। सांस छोड़ते हुए दोनों हाथ नीचे की तरफ लायें। ये व्यायाम अब बायीं तरफ से करें।
फायदा: यह व्यायाम कमर को लचीला बनाता है और कमर वाले हिस्से की चर्बी कम करता है।
4-पर्यांकासन: पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को सीधा रखें। ध्यान रहे की घुटने एक दूसरे के सामानांतर और साथ-साथ हो। अब दोनों पैर को घुटने बीच से इस तरह मोड़ें की पैर के पंजे आपके जांघो के पास हों। सामर्थ्य अनुसार इस अवस्था में जितनी देर हो सके रहें। ध्यान रहे की इस बीच सांस सामान्य गति में चले।
फायदा: यह व्यायाम जांघो और पेट के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
5-हस्तपादांगुष्ठासन (हैण्ड टू बिग टो पोज): पीठ के बल लेट जाएं और पैर सीधा रखें। हाथों को अंग्रेजी वर्णमाला के टी पॉजिशन की तरह रखें। दायें पैर को ऊपर की तरफ उठायें। संभव हो तो पैर के पंजे को दायें हाथ से पकड़ें और इस अवस्था में सामर्थ्य के अनुसार जितनी देर हो उतनी देर रहें। अब पैर को दोबारा पहले की अवस्था में ले आयें। इस व्यायाम को दूसरे पैर से भी दोहराएं।
फायदा: यह व्यायाम भी जांघो और पेट के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
6.भद्रासन(बटरफ्लाई पोज): चटाई पर पैर फैलाकर सीधा बैठ जाएं। पैरों को चटाई से संपर्क बरकरार रखते हुए मोड़ें और पैरों के पंजे से नमस्ते की अवस्था बनायें, बिना झुकें सीधे बैठे रहे। अब दोनों पैरों को ऊपर नीचे इस तरह जैसे पैरो से उड़ रहें हों। सामर्थ्य अनुसार इस व्यायाम को करते रहें।
फायदा: यह व्यायाम पेट की मांशपेशियों में कसाव लाता है।
7.पर्वतासना(माउंटेन पोज): मैट पर टांगो को मोड़े हुए सीधे बैठ जाएं। हाथों को ऊपर उठायें और हथेलियों को मिलकर नमस्ते की मुद्रा बनाये। ऐसा करते समय कोहनी को सीधे रखें और ध्यान रहे की हाथ कानों के पास हों। इस अवस्था में कुछ देर रहें और फिर दोबारा सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस व्यायाम को दो-तीन बार दोहराएं।
फायदा: यह व्यायाम शरीर को शेप में रखता है साथ ही साथ कमर दर्द से निजात दिलाता है।
8.यस्तिकासन(स्टिक पोज): पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को सीधा रखें। पूरे शरीर को एक आकार में रखे। घुटने और पैर एक साथ रखें। ध्यान रहे कि पैरों की दिशा ऊपर की तरफ हो। हाथ दोनों तरफ जमीन पर हो। सांस लेते हुए अपने हाथ उठायें और सिर की तरफ नीचे जमीन पर टिका दें। सांस छोड़ते हुए दोबारा पहली अवस्था में आ जाएं। इस व्यायाम को 3-4 बार ब्रेक ले कर दोहराएं।
फायदा: शरीर को शेप में लाता है और शरीर में तनाव को कम करता है।
तृप्ति रावत