स्वस्थ शरीर व शांत मन सभी की चाहत होती है। और यह चाहत विभिन्न योग आसनों की सहायता से पूरी की जा सकती है। यह तथ्य तो हजारों वर्षों से प्रमाणित होता आ रहा है कि योग हमें स्वस्थ तन और स्वस्थ मन देता है। इसलिए आज योग दिवस के दिन सारा विश्व योगमय होता जा रहा है। रोग मुक्त होना है, तो हमें योग की शरण में जाना ही होगा। योग का मतलब है योगासन। तो आईए, जानते हैं कौन-सा आसन किस रोग से हमें मुक्ति दिला सकता है-
मोटापा दूर करने के लिए योग आसन –
1-सूर्य नमस्कार- बारह आसन जो एक क्रम में किए जाते हैं, संयुक्त रूप से सूर्य नमस्कार कहलाता है। ये आसन बहुत प्रभावी होते है जिसकी वजह से सूर्य नमस्कार मोटापे के लिए यह सबसे अच्छा योग है। इसका प्रभाव पूर्ण शरीर पर पड़ता है विशेष रूप से जहाँ माँस पेशियों का बड़ा समूह होता है। इसकी शुरुआत कुछ राउंड्स द्वारा करना चाहिये और इन राउंड्स की गिनती बढ़ाते जाना चाहिए। यह वजन कम करनें में सहायक होता है और इसे आसनों का राजा कहा जाता है।
2-वीरभद्रासन- वीरभद्रासन से घुटने के पीछे की नस, जाँघे, पैर और टखनें मजबूत होते है, क्योकि जांघें जब आगे की ओर झुकती है तो शरीर का वजन उसके ऊपर स्थान्तरित हो जाता है। यह पेट के स्नायुओं को बल देता है जिससे आंतरिक शक्ति की बढ़ती है। आंतरिक शक्ति के बढ़ने से हम लंबे समय तक कार्यशाली बने रहते हैं।
3-भुजंगासन- यह आसन शरीर मेँ छाती और पीठ के लिए लाभदायक होता है। लम्बी श्वास लेते हुए छाती को ऊपर की ओर उठाने से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन रक्त के साथ मिलकर, शरीर के अलग-अलग भागों में स्पंदित होती है। ऑक्सीजनित रक्त मोटापा कम करने में सहायक होता है।
हाइ ब्लडप्रेशर (उच्च रक्तचाप) के लिए योग आसन-
1-शवासन- यह बहुत ही आसान क्रिया है। इसको करने के लिए पीठ की साइड में लेट जाएं। पूरे शरीर और मांसपेशियों को एकदम ढीला छोड दीजिए। चेहरे पर से तनाव को एकदम से हटा दीजिए। उसके बाद धीरे-धीरे गहरी और लंबी सांस लेते हुए नींद लेने जैसा महसूस करें। इस क्रिया का अभ्यास प्रतिदिन 10 मिनट तक कीजिए।
2-ध्यान- सिद्धासन में बैठकर बांए हाथ को अपनी गोद में रखें। हथेली ऊपर की ओर रखकर दाएं हाथ को बाएं हाथ पर रखें। ध्यान रहे हथेली ऊपर की ओर ही रहनी चाहिए। उसके बाद दोनों हाथों के अंगूंठों के अगले भाग को आपस में मिला दीजिए। फिर आखों को बंदकर सांस को अंदर-बाहर कीजिए। इससे दिमाग और मन को शांति मिलती है।
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए योगासन-
1-कपालभाति प्राणायाम- कपालभाति प्राणायाम आपके तंत्र तंत्रिकाओं और मस्तिष्क की नसों को ऊर्जा प्रदान करता हैं| यह प्राणायाम मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत अच्छा हैं क्योंकि यह पेट की मासपेशियों को सक्रिय करता हैं| यह प्राणायाम रक्त परिसंचरण को सुधरता हैं व मन को भी शांति प्रदान करता हैं|
2-सुप्त मत्स्येन्द्रासन- सुप्त मत्सेन्द्रयासन शरीर के अंदरूनी अंगो की मसाज करता हैं व पाचन क्रिया में सहायता करता हैं| यह आसन पेट के अंगो को सक्रीय करता है और मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत अच्छा होता है।
3-धनुरासन- यह आसन अग्न्याशय (pancreas) को सक्रिय करता है और मधुमेह के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभदायक है| यह योगासन पेट के अंगो को मज़बूत बनाता है और तनाव से मुक्ति देता है|
गले की तकलीफ के लिए योगासन
1-शून्य मुद्रा- विधि: किसी आरामदायक आसन में बैठकर कमर व गर्दन को सीधा रख लें। अब दोनों हाथों की मध्यमा अंगुलियों को मोड़कर उनके सिरे को अंगूठे की जड़ में लगा लें और थोड़ा दबाएं। अब अंगूठों से भी मध्यमा अंगुलियों को ऊपर से थोड़ा दबाएं। बाकि तीनों अंगुलियां सीधी रहेंगी। हाथों को घुटनों पर रख लें, यहां हथेलियों का रुख ऊपर की ओर रहेगा। हथेली टाइट रखें व कलाई से ऊपर कंधे तक हाथ को ढीला रखें। पूरे लाभ के लिए 10-15 मिनट तक इस मुद्रा को लगा लें।
लाभ: यह गले व थायरॉइड ग्रंथि के रोगों को दूर करने में बड़ा लाभकारी है। इसके अभ्यास से कानों के रोग दूर होते हैं व दांतों को भी मजबूती मिलती है।
2-पृथ्वी मुद्रा- किसी आरामदायक आसन में बैठकर कमर व गर्दन को सीधा रखें। दोनों हाथों की अनामिका (रिंग फिंगर) अंगुलियों को मोड़कर उनके सिरे को अंगूठे के सिरे के साथ लगाकर थोड़ा दबा लें। बाकि तीनों अंगुलियां सीधी रहेंगी। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें, यहां हथेलियों का रुख ऊपर की ओर रहेगा। हथेली टाइट व कलाई से ऊपर कंधे तक हाथ ढीला रहेगा। 10 से 15 मिनट तक इस मुद्रा को लगाए रखें।
लाभ: यह शारीरिक दुर्बलता को दूर कर वजन बढ़ाती है। शरीर में स्फूर्ति, कांति वा तेज बढ़ाकर जीवनशक्ति का विकास करती है। इसके अभ्यास से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
-तृप्ति रावत